JAC Board Exam 2025: शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की चेतावनी, सभी छात्रों को समय से नहीं मिला एडमिट कार्ड तो इन पर गिरेगी गाज
JAC Board Exam 2025: जमशेदपुर के बिष्टुपुर निर्मल गेस्ट हाउस में शनिवार को शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं के सफल आयोजन पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि एडमिट कार्ड नहीं मिलने की वजह से कोई छात्र परीक्षा से वंचित हो जाता है तो उसके लिए प्रिंसिपल जिम्मेदार होंगे.
JAC Board Exam 2025: जमशेदपुर-झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन ने शनिवार को बिष्टुपुर के निर्मल गेस्ट हाउस में कोल्हान प्रमंडल स्तरीय शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में रामदास सोरेन के अलावा शिक्षा विभाग के विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक, कोल्हान के तीनों जिले के डीसी एवं डीडीसी, तीनों जिले के शिक्षा विभाग के पदाधिकारी आदि शामिल हुए. बैठक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 11 फरवरी से शुरू हो रही वार्षिक माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में अगर कोई छात्र एडमिट कार्ड ना मिलने की वजह से परीक्षा देने से वंचित रह जाता है, तो संबंधित स्कूल और कॉलेज के प्रिंसिपल पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे. उनके विरूद्ध कार्रवाई भी की जा सकती है. शिक्षा मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बंद किये गये स्कूलों को फिर खोलने की भी बात कही.
जरूरत पड़े, तो प्रिंसिपल या शिक्षक खुद बच्चों के एडमिट कार्ड घर तक पहुंचायें
समीक्षा बैठक में रामदास सोरेन ने कहा कि सुदूर गांव-देहात के छात्रों को एडमिट कार्ड को डाउनलोड कर प्राप्त करने में असुविधा हो सकती है. कई जगहों से इस तरह की शिकायतें भी आ रही हैं. ऐसे में स्कूल व कॉलेज के प्रिंसिपल की जवाबदेही बढ़ जाती है. प्रिंसिपलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके स्कूल व कॉलेज के सभी छात्रों को एडमिट कार्ड मिला या नहीं. यदि किसी भी कारण से छात्रों को एडमिट कार्ड नहीं मिल पा रहा है तो त्वरित कदम उठाते हुए समाधान निकालें. मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़े, तो प्रिंसिपल या शिक्षक खुद बच्चों का एडमिट कार्ड डाउनलोड कर उसे उसके घर तक पहुंचायें और उसके हाथों में थमायें. ताकि एक भी छात्र परीक्षा देने से वंचित ना हो.
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बंद स्कूलों को खोला जायेगा
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में शिक्षा देना अनिवार्य किया गया है. इसी के मद्देनजर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बंद किये गये स्कूलों को पुनः खोलने की पहल की जा रही है. इससे न केवल बच्चों को लाभ मिलेगा, बल्कि स्कूल भवनों का भी सदुपयोग हो सकेगा. मंत्री ने बताया कि स्कूलों के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है, जिससे छात्रों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मिल सके. साथ ही, शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाये गये हैं. मंत्री ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और सीएम एक्सीलेंस स्कूलों को सशक्त बनाया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शिक्षा व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग करें और आवश्यक सुधार सुनिश्चित करें.
ये भी पढ़ें: Crime News: पति ने खाना मांगा तो पत्नी ने टांगी से किया जख्मी, केरोसिन तेल छिड़ककर लगा दी आग, पिता-पुत्र RIMS रेफर