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भोजपुरी गानों का हब बना जमशेदपुर, बद्रीनाथ झा ने बदली शहर की पहचान

टाटा स्टील के कर्मचारी के बेटे बद्रीनाथ झा आज भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्रीज के नामी चेहरे के रूप में जाने जाते हैं. 40 वर्षीय बद्रीनाथ झा को आज कल भोजपुरी फिल्म का शो मैन भी कहा जाता है. जमशेदपुर अब भोजपुरी गानों का हब बन गया है.

जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह : सोनारी कागलनगर में टाटा स्टील के कर्मचारी के बेटे बद्रीनाथ झा आज भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्रीज के नामी चेहरे के रूप में जाने जाते हैं. 40 वर्षीय बद्रीनाथ झा को आज कल भोजपुरी फिल्म का शो मैन भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने पहली बार देश में ”सारेगामा हम भोजपुरी” चैनल को लांच किया. इस चैनल के आज 10.8 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. इस चैनल को लांचिंग करने के साथ ही ऐसा जबरदस्त रिस्पांस मिला कि देखते ही देखते हर कलाकार इस चैनल से जुड़कर अपने गानों को गाने लगा और आज यह सबसे हिट चैनल बन चुका है.

”सारेगामा हम भोजपुरी” के बिजनेस हेड बद्रीनाथ झा और उनकी टीम की मेहनत के कारण आज यह स्थिति पहुंच पायी है. जमशेदपुर को भोजपुरी गानों की शूटिंग का हब के रूप में बद्रीनाथ झा ने डेवलप करने में सफलता पायी है. सोनारी के उनके आवास व आसपास के एरिया से लेकर जमशेदपुर के कई लोकेशन पर खेसारीलाल यादव, कल्लू, नीलकमल सिंह, रितेश पांडेय, शिल्पी राज जैसे दिग्गज कलाकार अपने एलबम की लांचिंग कर चुके हैं.

भोजपुरी गानों के क्रेज को देखकर शुरू किया अपना चैनल

बद्रीनाथ झा ने सोनारी में स्कूली शिक्षा लेने के बाद केएमपीएम इंटर कॉलेज से इंटर की पढ़ाई की. इसके बाद वे उत्कल यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री लेने के बाद पुणे चले गये. उच्च शिक्षा के लिए वे पुणे के एमआइटी में दाखिला लिया और एमबीए की डिग्री हासिल की. इस बीच वे टाइम्स ऑफ इंडिया के न्यू बिजनेस में काम किया. रिलायंस वैल्यू एडेड सर्विसेज के महाराष्ट्र को हेड किया और फिर वे हंगामा डिजिटल में चले गये, जहां वे पहले डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन में काम करना शुरू किया. इसके बाद वे फिल्म और गाने के क्षेत्र में इंट्री कर गये. 2013 में सारेगामा इंडिया में शामिल हुए.

इसके बाद वे वर्ष 2015 से 2020 तक जी टीवी में काम करते रहे. इसके बाद उन्होंने फिर से सारेगामा में बैक किया. उनको बिजनेस हेड बनाया गया. उन्होंने भोजपुरी गानों के क्रेज को देखते हुए 2021 में ”सारेगामा हम भोजपुरी” चैनल को शुरू किया और देखते ही देखते उसमें गानों और गायकों की कला की भरमार हो गयी. बिहार, यूपी से लेकर पूरे देश में उनके गाने लोगों के जुबान पर हो गये. एक-एक गाने पर लाखों से एक करोड़ तक के व्यू होते चले गये और वे सबकी जुबान पर आ गये. 40 वर्षीय बद्रीनाथ झा ने यह साबित किया कि भोजपुरी भाषा को भी इतना समृद्धशाली बनाया जा सकता है और उसको भी किसी भी साउथ फिल्म या गाने से ज्यादा किया जा सकता है. आज यह चैनल भोजपुरी का नंबर वन चैनल बन चुका है, जिसमें हर स्टार इससे जुड़ चुके हैं.

हर किसी के गाने ”सारेगामा हम भोजपुरी” चैनल पर

”सारेगामा हम भोजपुरी” चैनल के जरिये पवन सिंह, अरविंद अकेला कल्लू, खेसारी लाल यादव, नीलकमल सिंह, रितेश पांडेय, शिल्पी राज समेत कई दिग्गज कलाकार जुड़े हुए हैं. उनके गीत इसी चैनल पर लांच होता है, जिसको लाखों व्यू और लाइक्स मिलते हैं. इन कलाकारों को भी लगता है कि इस चैनल ने भोजपुरी की दुनिया ही बदल दी है.

पिता बीमार हुए, तो जमशेदपुर को ही बना डाला कर्मभूमि

बद्रीनाथ झा अपने घर के मंझले बेटे है. उनके पिता टाटा स्टील के कर्मचारी थे. उनके पिता बीमार हो गये. इसके बाद वह अपने पिता की देखभाल करने के लिए जमशेदपुर के सोनारी स्थित अपने आवास आ गये. करीब दो माह तक वे यहां रहे. चूंकि काम भी करते रहना था और पिता की देखभाल भी करनी थी, तो उन्होंने नायाब आइडिया लगाया. इसके बाद उन्होंने ”सारेगामा हम भोजपुरी” के लिए जमशेदपुर को ही शूटिंग स्थल बना दिया. सारे मुंबई और अन्य जरूरी जगहों के सारे इक्विपमेंट से लैस यहां स्टूडियो बन चुका है.

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आज सोनारी स्थित उनके आवास में वन स्टॉप शूटिंग और रिकॉर्डिंग की सारी सुविधाएं हैं. लाइट, कैमरा, स्टूडियो, रिकॉर्डिंग सेंटर, वीडियो शूट से लेकर तमाम स्थान को ही उन्होंने स्टूडियो के रूप में ऐसा विकसित किया कि अच्छे-अच्छे लोग अपने दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे. उन्होंने सोनारी कागलनगर के अपने घर के आसपास के एरिया हो या फिर सोनारी के अन्य इलाके, डोबो और पुड़ीसिली जैसे इलाके से लेकर डिमना, होटल वेभ इंटरनेशनल, होटल गोल्डन लीफ समेत कई आसपास के इलाकों में शूटिंग की. आज सौ से ज्यादा गानों की शूटिंग यहां हो चुकी है. अरविंद अकेला कल्लू, खेसारीलाल यादव, नीलकमल सिंह, शिल्पी राज, रितेश पांडेय जैसे हिट कलाकार यहां अपने एलबम की लांचिंग कर चुके हैं. जमशेदपुर में रितेश पांडेय ने 5, खेसारीलाल यादव ने 2, कल्लू ने 4, शिल्पी राज ने दो और नीलकमल ने भी दो गानों की लांचिंग की है.

एक शूटिंग में 150 से 200 लोगों को मिलता है रोजगार

बद्रीनाथ झा यहां एक साल में सौ से अधिक एलबम और गानों की शूटिंग ”सारेगामा हम भोजपुरी” के माध्यम से करा चुके हैं. इसका लाभ स्थानीय कलाकारों को भी हुआ है. करीब 150 से 200 लोगों को इसके जरिये रोजगार हर बार मिलता है. मुंबई के जानकार और लोकल कलाकारों के मिश्रण के जरिये यहां शूटिंग होती है. बद्रीनाथ झा ने बताया कि जमशेदपुर में शूटिंग का माहौल नहीं था. उनके समक्ष चुनौतियां काफी थीं. ट्रेंड लोग नहीं थे. इसके बाद कई शूटिंग यहां की गयी. पहले तो मुंबई के लोगों को लाया गया. फिर किसी तरह यहां के लोगों को ट्रेंड किया गया. इसके बाद से युवाओं को ट्रेंड कर सारी शूटिंग में उनको मौका दिया गया. अब ये युवा रोजगार के जरिये काम पाते हैं और वे लोग भी ट्रेंड हो चुके हैं. जीरो से शुरू कर यह चैनल आज करोड़ों व्यूज बंटोरकर देश में भोजपुरी सनसनी बन चुका है.

जल्द जमशेदपुर में बनेगी भोजपुरी फिल्म

म्यूजिक कंपनी ”सारेगामा हम भोजपुरी” के बिजनेस हेड बद्रीनाथ झा ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि वे अपनी कंपनी के माध्यम से जल्द ही फिल्मों का भी निर्माण करेंगे. उन्होंने कहा कि वे भोजपुरी में अलग ट्रेंड लाना चाहते हैं. भोजपुरी को स्टाइलिश बनाना चाहते हैं, क्योंकि पुराने ढर्रे पर कोई पहचान नहीं मिलेगी. ऐसे में इस इंडस्ट्रीज को विकसित करना संभव नहीं है. यह इंडस्ट्रीज के लिए गलत है. यदि आप समय के साथ बदलेंगे नहीं, तो मुंबई और साउथ की इंडस्ट्रीज आपकी नहीं सुनेगी.

यही वजह है कि हमने क्वालिटी पर ध्यान दिया. इसका प्रयोग म्यूजिक से दो साल पहले किया और यह प्रयोग सफल रहा. इसके बाद अब हम लोग फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं और जल्द ही हम एक अच्छी कांसेप्ट की फिल्म लेकर आयेंगे. बद्रीनाथ झा ने कहा कि ”सारेगामा हम भोजपुरी” का मकसद आने वाले दिनों में फिल्मों के साथ इंडस्ट्री के छोटे और प्रतिभाशाली यंगस्टर को भी एक वैसा अप्रोच देना है, जिससे इंडस्ट्री में नेक्सट लेवल ऑफ टैलेंट भी क्रिएट कर सकें. आज हर इंडस्ट्री में ये हो रहा है. लेकिन, भोजपुरी में इसकी रफ्तार धीमी है. हम नये टैलेंट को भी आगे बढ़ाने और तैयार करने की कोशिश करेंगे.

शूटिंग जमशेदपुर में संभव, पर सरकार की मदद की जरूरत

”सारेगामा हम भोजपुरी” के बिजनेस हेड बद्रीनाथ झा ने बताया कि मुंबई की मायानगरी से निकलकर जमशेदपुर में गानों की शूटिंग करना हमारे लिए चैलेंज था. पिता का इलाज कराना भी जरूरी था. उनकी देखरेख जरूरी थी. इसके बाद उन्होंने इस मुश्किल दौर को अवसर में तब्दील करने का रिस्क लिया. आज 100 से ज्यादा गानों की यहां शूटिंग हो चुकी है. कलाकारों को यहां रोजगार भी मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सपोर्ट किया जाना चाहिए, जिस तरह दूसरे राज्यों में मिलता है. सब्सिडी दी जाये. सब्सिडी आसानी से मिले, इसके लिए सरकार की ओर से पहल की जानी चाहिए. स्थानीय पुलिस और प्रशासन को भी इसको लेकर सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए, ताकि शूटिंग करने में आसानी हो सके. उन्होंने बताया कि यहां की जनता काफी को-ऑपरेटिव है. कलाकार भी जमशेदपुर आकर शूटिंग करना पसंद करते हैं, क्योंकि यहां की जनता उनको काफी सपोर्ट करती है.

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