जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह: शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) की स्थिति पहले से गंभीर है. बीते कुछ दिनों से यहां के विभिन्न क्षेत्रों का एक्यूआइ 400 के पार चल रहा है. अब जमशेदपुर के नगर निकायों की ओर से कचरे के डंपिंग यार्ड में लगायी गयी आग से निकल रहा धुआं वायु प्रदूषण को और खतरनाक बना रहा है. कूड़े के पहाड़ जहरीली गैस पैदा कर रहे हैं. धीरे-धीरे शहर जहरीली गैस का चैंबर बनते जा रहा है. लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. यह आसपास के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए चिंता की बात है.
आग कंट्रोल करने या बुझाने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. मरीन ड्राइव सोनारी के पास की गयी डंपिंग में करीब एक माह से आग लगी हुई है. इससे जहरीला धूल और धुआं निकल रहा है, जिसने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. इससे तकरीबन 10 हजार लोग परेशान हैं. यहां जमशेदपुर अक्षेस और मानगो नगर निगम क्षेत्र के कचरों की डंपिंग की जाती है. कूड़ा का पहाड़ बना दिया गया है. अब इसमें आग लगी हुई और इसे कंट्रोल करने के लिए को रणनीति नहीं है. जुगसलाई के महाकालेश्वर घाट के पास जुगसलाई नगर परिषद की ओर से कचरा डंपिंग की जाती है. आसपास के लोगों ने बताया कि करीब 15 दिनों से यहां आग लगी हुई है.
हर दिन निकलता है 387.98 टन कचरा
जमशेदपुर अक्षेस, टाटा स्टील और मानगो नगर निगम की ओर से कचरा डंपिंग करने की एक साइट मरीन ड्राइव का इलाका भी है. जमशेदपुर के शहरी एरिया से रोजाना तकरीबन 387.98 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. प्रति व्यक्ति औसतन 0.59 किलोग्राम कचरा निकलता है.
कचरे में ज्वलनशील पदार्थ होने से भी लगती है आग
घरेलू कचरे में सब्जियां, बासी खाना, प्लास्टिक, मिट्टी, पानी और कई अन्य कार्बनिक और गैर-कार्बनिक पदार्थ होते हैं. लंबे समय तक पड़े रहने से ये सड़ते हैं, जिससे मिथेन और कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है. मिथेन गैस काफी ज्वलनशील होती है, जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है. छोटी चिंगारी भी कई बार बड़ी आग का कारण बन जाती है.
कई बार कचरे को नष्ट करने के लिए लगायी जाती है आग
नगर निकाय कई बार कचरे से प्लास्टिक और दूसरी चीजों को अलग करने के लिए लोगों को लगाया जाता है. कूड़े को जल्दी नष्ट करने के चक्कर में कई बार कूड़ा चुनने वाले या अन्य लोग ही इसमें आग लगा देते हैं. इनकी कोशिश होती है कि कागज और प्लास्टिक जैसी चीजें जलकर नष्ट हो जाएं और वे मिट्टी व धातु की चीजों को अलग कर सकें.
एनजीटी पहुंचा मामला
सोनारी दोमुहानी के पास सुवर्णरेखा नदी के किनारे कचरा डंपिंग का मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक पहुंच चुका है. सोनारी निवासी केएस उपाध्याय ने एक केस दायर किया है, जिसमें जमशेदपुर अक्षेस, टाटा स्टील यूटिलिटीज, पूर्वी सिंहभूम के डीसी और प्रदूषण बोर्ड को पार्टी बनाया गया है.
कचरे में लगी आग को कंट्रोल करेंगे : संजय
जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कचरे में लगी आग निश्चित तौर पर बड़ी समस्या है. इसके हल के लिए जल्द ही रणनीति पर काम होगा.
आग पर काबू पाने का आदेश दिया है : प्रदूषण बोर्ड
राज्य प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक जीतेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि आग पर कंट्रोल करने के लिए निजी एजेंसियों को आदेश दिया गया है. जमशेदपुर अक्षेस को भी इस समस्या से निबटने को कहा गया है.
झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने जमशेदपुर अक्षेस, आदित्यपुर नगर निगम, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद को नोटिस जारी किया है, जिसमें कचरा निष्पादन के लिए उचित स्थान तय करने को कहा है. ऐसा नहीं होने कार्रवाई की बात कही है. नोटिस में कहा गया है कि सोनारी मरीन ड्राइव में कचरे की बेतरतीब तरीके से डंपिंग की जा रही है. लोगों का रहना और चलना-फिरना मुश्किल हो गया है. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के निदेशक जीतेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि नोटिस जारी की गयी है. कचरे का बेहतर तरीके से निस्तारण का आदेश दिया गया है. सेग्रीग्रेशन को कहा गया है ताकि कचरे को बेहतर तरीके से रिसाइकिल किया जा सके. एनजीटी की गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया गया है.