सोनारी:सीमा देवी हत्याकांड में बच्चों का 164 का बयान लेने वाले मजिस्ट्रेट की हुई गवाही
गौरतलब हो कि पांच वर्ष पूर्व 26 जुलाई 2019 को दारोगा मनोज गुप्ता ने सोनारी स्थित नौलखा अपार्टमेंट में पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए अपनी पत्नी पूनम गुप्ता को पटना से जमशेदपुर बुलाया था. तब उनकी पत्नी ने अपने परिचित चंदन कुमार और चंदन कुमार की मां सीमा देवी के साथ बातचीत करने सोनारी स्थित नौलखा अपार्टमेंट में पहुंची थी. वहीं बातचीत में विवाद होने पर मनोज गुप्ता के सर्विस रिवॉल्वर से फायरिंग कर दी थी, जिसमें सीमा देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी, जबकि पत्नी पूनम गुप्ता और चंदन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गये थे
-26 जुलाई 2019 को हुई थी घटना – घटना के बाद पांच सालों से जेल में बंद थे मनोज गुप्ता, हाल में झारखंड हाइकोर्ट से मिली है जमानत मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर एडीजे-8 की कोर्ट में शुक्रवार को सोनारी नौलखा अपार्टमेंट में हुई सीमा देवी हत्याकांड में दारोगा मनोज गुप्ता के बच्चों का 164 का बयान लेने वाले तत्कालीन फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट मनीष मणिकांत प्रधान की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से गवाही हुई. वर्तमान में वे रांची लॉ डिपार्टमेंट में पदस्थापित हैं. श्री प्रधान ने गवाही में पुलिस के द्वारा बच्चों को जमशेदपुर कोर्ट में लाने समेत अन्य गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी. कोर्ट में बचाव पक्ष से अधिवक्ता गौरव पाठक मौजूद थे. गौरतलब है कि 26 जुलाई 2019 को दारोगा मनोज गुप्ता ने सोनारी स्थित नौलखा अपार्टमेंट में पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए अपनी पत्नी पूनम गुप्ता को पटना से जमशेदपुर बुलाया था. तब उनकी पत्नी अपने परिचित चंदन कुमार और चंदन की मां सीमा देवी के साथ सोनारी स्थित नौलखा अपार्टमेंट में पहुंची थी. बातचीत के क्रम में विवाद होने पर मनोज गुप्ता ने सर्विस रिवॉल्वर से फायरिंग कर दी थी, जिसमें सीमा देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी, जबकि मनोज गुप्ता की पत्नी पूनम गुप्ता और चंदन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गये थे. फायरिंग के बाद मनोज गुप्ता ने एसएसपी के सामने 29 जुलाई 2019 को आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद करीब पांच साल तक जेल में रहने के बाद झारखंड हाइकोर्ट से हाल में ही मनोज गुप्ता को जमानत मिली है.
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