धोखाधड़ी के केस में कोर्ट ने लिया संज्ञान, नदिया कंस्ट्रक्शन के निदेशक को कोर्ट में पेश होने का आदेश

अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 504 एवं 34 के तहत संज्ञान लिया गया है और उन्हें 25 जून 2024 को पेश होने का आदेश जारी किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2024 3:46 PM

मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट ने कोलकाता के बिल्डर और नादिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सौरव साहा के खिलाफ केस में संज्ञान लिया है और कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया. इस बाबत कोर्ट ने आरोपी को नोटिस जारी की है. अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आइपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 504 एवं 34 के तहत संज्ञान लिया गया है और उन्हें 25 जून 2024 को पेश होने का आदेश जारी किया है. बिल्डर के खिलाफ कदमा ग्रीन एनक्लेव की रहने वाली रीता घोष की ओर से अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया था. रीता घोष के अनुसार दुर्गापुर धनदाबाग फरीदपुर में संदीपन बनर्जी एवं ज्योत्सना बनर्जी की जमीन पर सौरभ साहा फ्लैट का निर्माण करवा रहा था. वहां उसने सेकंड फ्लोर में 856 स्क्वायर फीट का एक फ्लैट 14 लाख 30 हजार में खरीदने का सौदा तय किया था. कोलकाता साल्ट लेक निवासी सौरव साहा ने जमशेदपुर आकर किस्तों में नौ लाख, तेईस हजार दो सौ रुपये लिये और तय हुआ कि पांच लाख सात हजार दो सौ रुपये भुगतान करने पर दिसंबर 2013 में फ्लैट हैंडओवर कर देंगे. फ्लैट फर्निश करने के नाम पर बिल्डर समय लेता रहा और बाद में पीड़ित रीता घोष को जानकारी मिली कि बिल्डर ने वह फ्लैट दूसरे को बेच दिया है. आपत्ति जताने पर बिल्डर ने कहा कि नया निर्माणाधीन फ्लैट उसके हवाले कर देगा, लेकिन ऐसा करने की बजाय टाल मटोल करता रहा और अंतत: कोई फ्लैट नहीं दिया. फिर बिल्डर ने पैसे वापस नहीं किये तब पीड़िता रीता घोष ने पहले कदमा थाना और फिर न्याय की आस में कोर्ट की शरण ली.

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