मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर एडीजे-4 आनंदमणि त्रिपाठी की कोर्ट ने बुधवार को पत्नी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के छह साल पुराने केस में पति राघव कुंभकार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. कोर्ट में बचाव पक्ष से अधिवक्ता श्रीकांत चौरसिया ने पैरवी की थी. केस में चार लोगों की गवाही हुई थी, लेकिन केस के सूचक सह नाबालिग बेटा, अनुसंधान पदाधिकारी गवाही देने के लिए कोर्ट नहीं आने का आरोपी को लाभ मिला. मालूम हो कि 25 अप्रैल 2018 को राघव कुंभकार की पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी. घटना के बाद नाबालिग बेटे के बयान पर पिता राघव कुंभकार के खिलाफ बोड़ाम थाना में एक माह बाद 20 मई 2021 को केस दर्ज किया गया था. तब से आरोपी अबतक जेल में बंद है. हालांकि वर्ष 2020 में आरोपी को जमानत मिल गया थी, लेकिन जमानतदार नहीं मिलने के कारण आरोपी अबतक जेल में था. इधर, बुधवार को केस की सुनवाई के दौरान आरोपी राघव कुंभकार घाघीडीह सेंट्रल जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ा था.
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