Jharkhand News: जमशेदपुर के सहारा सिटी में नाबालिग से गैंगरेप मामले में 3 दोषियों को 25 साल सश्रम कारावास
Jharkhand News: 18 जनवरी 2018 को दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की मां ने मानगो थाने में इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो, श्रीकांत महतो समेत अन्य के खिलाफ दुष्कर्म व देह व्यापार का मामला दर्ज कराया था.
Jharkhand News: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के मानगो थाना अंतर्गत सहारा सिटी में नाबालिग से गैंगरेप मामले में एडीजे पांच की अदालत ने तीन दोषियों को 25 साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी और 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. जुर्माने राशि नहीं देने पर 3 साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सजा पाने वालों में इंद्रपाल सैनी, शिवकुमार महतो और श्रीकांत महतो शामिल हैं. इस मामले में लोक अभियोजक कुमार सिंह और अधिवक्ता ममता सिंह में अभियोजन पक्ष से कोर्ट में अपनी दलील दी थी.
22 आरोपियों के खिलाफ चल रहा अलग केस
जमशेदपुर की अदालत ने गैंगरेप के तीनों आरोपियों को 18 जनवरी को दोषी करार दिया था. इस मामले में पूर्व डीएसपी अजय केरकेट्टा, एमजीएम थाना के पूर्व थाना प्रभारी इमरान अंसारी समेत 22 लोगों के खिलाफ अलग से केस कोर्ट में चल रहा है. दोनों पुलिस पदाधिकारी को इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे मिला है. जिस कारण से उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है. इस मामले में लोक अभियोजक कुमार सिंह और अधिवक्ता ममता सिंह में अभियोजन पक्ष से कोर्ट में अपनी दलील दी थी.
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वर्ष 2018 के मामले में अदालत ने सुनायी सजा
गौरतलब है कि 18 जनवरी 2018 को दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की मां ने मानगो थाने में इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो, श्रीकांत महतो समेत अन्य के खिलाफ दुष्कर्म व देह व्यापार का मामला दर्ज कराया था. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. श्रीकांत महतो को हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी थी. बाद में पीड़िता ने डीसपी, इंस्पेक्टर समेत अन्य द्वारा भी दुष्कर्म करने की बात पुलिस को बतायी थी.
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पूर्व सीएम रघुवर दास से हुई थी सीबीआई जांच की मांग
पीड़िता ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से धारा 319 के तहत डीएसपी अजय केरकेट्टा, इंस्पेक्टर इमदाद अंसारी समेत शहर के 22 लोगों को आरोपी बनाने की अर्जी कोर्ट में दाखिल की गयी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी.
रिपोर्ट: निखिल सिन्हा