साकची मुस्लिम बस्ती मजार के पास अज्ञात चोरों ने चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. कारोबारी अजय मोदी के घर से चोरों ने 1.50 करोड़ रुपये के गहने और 50 लाख रुपये नकदी चुरा लिये. चोरी की वारदात तब हुई, जब अजय मोदी परिवार संग शहर से बाहर गये थे. दरअसल, 29 सितंबर को अजय मोदी परिवार के साथ दिल्ली, सिंगापुर और हरिद्वार घूमने गये थे. वह रविवार सुबह करीब 11 बजे घर लौटे, तो कमरे में सामान बिखरा पड़ा था, तब उन्हें चोरी का पता चला.
बाथरूम की खिड़की का लोहा काटकर चोर घर के अंदर घुसे थे. चोरों ने अजय मोदी और उनके बेटे मोहित मोदी के कमरे में अलमारी तोड़कर सारे गहने व रुपये ले गये. अजय मोदी का फोटोकॉपी के कागज का थोक बिक्री का कारोबार है. चोरी की सूचना मिलने पर परिजन समेत सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी उनके घर पहुंचे. अजय मोदी ने चोरी का शक अपने नौकर बहरागोड़ा निवासी कृष्णा कुमार पर जताया है.
अजय मोदी के घर में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था, जिसका फायदा चोरों ने उठाया. चोरी की सूचना मिलने पर साकची थाना की पुलिस पहुंची. पुलिस ने घटनास्थल की जांच की. अजय मोदी का नौकर कृष्णा पूर्व में घर में खाना बनाने का काम करता था. बाद में उसने काम छोड़ दिया. पुन: तीन माह पूर्व उसने काम शुरू किया था. वह घर के ही एक कमरे में रहता था.
29 सितंबर की दोपहर करीब ढ़ाई बजे घूमने जाने के वक्त कृष्णा को भी घर जाने को कहा था. अजय ने बताया, सभी अलमारी व पलंग खोलकर गहने व रुपये की चोरी की गयी है. एक सिक्का तक नहीं छोड़ा. उन्होंने बताया कि घर में पत्नी, बहू और बेटी तीनों के गहने रखे थे. बेटी अंकिता अपने गहने कोलकाता से घर लायी थी. लौटने के क्रम में गहना हमारे पास ही रख दिया था
कारोबारी अजय मोदी ने बताया कि बिल्डिंग में मेरे पिता के चार भाइयों का हिस्सा है. सभी इसी बिल्डिंग में रहते हैं. बावजूद किसी को चोरी की भनक नहीं लगी. अजय मोदी के बेटे मोहित मोदी ने बताया कि जाने से पूर्व उसने सभी कमरे को लॉक किया था. बाथरूम के पीछे खाली जगह है. उसी रास्ते से चोर घर में घुसे थे.संभवत: चोरी करने में बच्चे का भी इस्तेमाल किया गया है.
अजय मोदी की लापरवाही का चोरों ने फायदा उठाया. चोरों को इस बात की जानकारी थी कि बिल्डिंग में सीसीटीवी कैमरा नहीं है. बिल्डिंग में चार परिवार रहने के बावजूद चोर बाथरूम के ग्रिल को काटकर अंदर घुसे और आसानी से निकल गये. दूसरी बात यह कि अक्सर नौकर द्वारा चोरी की वारदात को अंजाम दिया जाता रहा है. अजय को नौकर के घर की पूरी जानकारी थी, जिसका फायदा उसने उठाया. पुलिस व प्रशासन द्वारा भी सचेत किया गया है कि नौकर की पूरी जांच के उपरांत ही उसे अपने घर में काम पर रखें.