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टेल्को हत्याकांड मामले में प्रशासन पर सवाल: हर जगह पुलिस, फिर भी वारदात को अंजाम दे अपराधी फरार

टेल्को में रंजीत सिंह हत्याकांड मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. घटनास्थल के पास पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती हुई थी फिर भी ये घटना कैसे घटी. सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्यों कि पुलिस पदाधिकारियों के साथ वहीं पर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गयी है

By Sameer Oraon | October 4, 2022 12:01 PM

टेल्को के सबुज कल्याण संघ के समक्ष सोमवार को दोपहर में हुई हत्या की वारदात से जिला प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं. प्रशासन की ओर से सबुज कल्याण केंद्र को अतिसंवेदनशील पूजा पंडाल की श्रेणी में रखा गया था. घटनास्थल के पास पर्याप्त पुलिस के जवानों की तैनाती थी. इसके अलावा प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी भी मौके पर मौजूद थे.

पुलिस प्रशासन की पूरी तैयारी को चुनौती देते हुए अपराधी वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार होने में सफल रहे. प्रशासन की ओर से जारी निर्देश के अनुसार एक हवलदार सहित पांच सशस्त्र पुलिस बल, आठ लाठी बल, आठ महिला पुलिस, दो पदाधिकारी थाना स्तर से तैनात किये गये थे. इसके अलावा प्रशासन की ओर से एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी थी. इनका मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया गया था.

इसके बावजूद अपराधी अपने मंसूबे में कामयाब हो गये. दिन के उजाले में चार अपराधी आये. चार राउंड फायरिंग की. एक व्यक्ति को मौत के घाट उतारा और आराम से निकल गये. यह स्थिति तब रही जब पूजा आयोजन से पहले प्रशासन की ओर से 48 पूजा पंडालों को अतिसंवेदनशील तथा छह पूजा पंडालों को संवेदनशील घोषित किया गया था. इन पूजा पंडालों के आसपास विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिये अलग से निर्देश दिये गये थे. इसके बावजूद प्रशासनिक अमला अपराधियों के दिल-ओ-दिमाग में कानून का डर पैदा नहीं कर सका.

इधर हत्या की जानकारी मिलने पर झारखंड गुरुद्वारा के प्रधान शैलेंद्र सिंह, मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह, रंगरेटा महासभा के प्रधान मनजीत सिंह गिल, जसवंत सिंह जसोल, सुखदेव सिंह बिट्टू, परमजीत सिंह टीएमएच के अलावा मृतक के घर पहुंचे. इस दौरान शैलेंद्र सिंह एवं भगवान सिंह ने एसपी सिटी से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की.

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