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ब्राउन शुगर की दलदल में फंसता जा रहा जमशेदपुर का युवा, सप्लायर स्कूल कॉलेज के छात्रों को करते हैं टारगेट

शराब, गांजा के बाद अब जमशेदपुर का युवा ब्राउन शुगर की चपेट में आ रहा है, सप्लायर इसमें सबसे ज्यादा स्कूल कॉलेज के छात्रों को टारगेट करते है. हालांकि इस मामले में पुलिस कई कारोबारियों को जेल भी भेज चुकी है. अब इस धंधे में महिलाएं को भी शामिल किया जा रहा है.

जमशेदपुर: भाई कहां है. चीनी मिलेगा क्या. कितना चाहिए. दो – चार पुड़िया. ठीक है लाइव लोकेशन भेजो. ये चीनी शक्कर नहीं है. बल्कि ब्राउन शुगर का कोडवर्ड है. अब सप्लायर और ग्राहक ब्राउन शुगर को चीनी कोडवर्ड से बुलाते है. आदित्यपुर के बाद अब जमशेदपुर के हर थाना क्षेत्र में यह ड्रग्स मिल रहा है. पहले एक- दो इलाकों में ब्राउन शुगर की बिक्री होती थी. हाल के दिनों में ब्राउन शुगर धंधा करने वालों की संख्या में बढ़ी है. युवा वर्ग गांजा, शराब, अफीम के बाद अब ब्राउन शुगर के धुएं में समा रहे है. युवा पहले पैडलर और एजेंट के रूप में ब्राउन शुगर की बिक्री कर रहे हैं.

उसके बाद मुख्य सप्लायर से मिले कमीशन के पैसे से खुद के लिए ड्रग्स खरीद कर नशा करते हैं. पैडलर अब पुलिस की सक्रियता को देखते हुए काफी होशियारी से स्कूल, कॉलेज के आसपास ब्राउन शुगर बेचते हैं. हालांकि ये नशा करना काफी महंगा है. इसलिए इसका कारोबार बढ़ता जा रहा है. पुलिस कई जगहों से लोगों को पकड़ कर जेल भेजा है. पुलिस ने 23 अगस्त को ही परसुडीह के किताडीह गाड़ीवान पट्टी में छापेमारी कर दंपती और एक अन्य महिला को करीब 800 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ पकड़ा था. लेकिन मुख्य सप्लायर अब तक हाथ में नहीं आया है.

अब तक कई को जेल

ब्राउन शुगर कारोबार करने वाले कई पैडलर और एजेंटों को पुलिस ने जेल भेजा है. लेकिन मुख्य सप्लायर को अब तक नहीं पकड़ पायी है. हर बार पुलिस यह कहती है कि मुख्य सप्लायर की जानकारी मिली है, पर उनके हाथ कुछ नहीं आता है. पुलिस के अनुसार आदित्यपुर के अलावे ओडिशा और पश्चिम बंगाल से ब्राउन शूगर शहर में मंगवाया जाता है.

पुलिस शक नहीं करें, इसलिए इस धंधे में महिलाओं का हो रहा इस्तेमाल

हाल के दिनों में इस नशे के धंधे में महिला सक्रियता बढ़ गयी है. सीतारामडेरा पुलिस ने भुइयांडीह से ब्राउन शुगर के साथ एक महिला को गिरफ्तार किया था. उसके बाद जुगसलाई और मानगो से महिला पकड़ाई. सूत्रों की माने तो अलग अलग क्षेत्रों में सप्लाइ के लिए अलग मुख्य सप्लायर ने टीम बनायी है, इसमें महिलाओं को भी शामिल किया है. गिरोह का मानना है कि इस काम के लिए महिला सेफ होती है. पुलिस महिलाअों पर कम शक करती है. जिससे पुड़िया की डिलिवरी करने में आसानी होती है.

स्कूल-कॉलेज को करते हैं टारगेट

ब्राउन शुगर के पैडलर स्कूल – कॉलेज के आस पास के दुकानों पर खड़े होते हैं. जो विद्यार्थी पान, गुटखा या सिगरेट की मांग करते हैं. उससे पैडलर दोस्ती कर धीरे से ब्राउन शुगर के बारे में बताते है. पहले फ्री का ब्राउन शुगर पिलाते हैं, उसके बाद नशा का आदी बनाते हैं, और उसे ब्राउन शुगर बेचते हैं.

होती है होम डिलिवरी

पहले पैडलर चौक- चौराहों पर ब्राउन शुगर सप्लाई करते थे, अब पुलिस की सक्रियता बढ़ने से इसकी होम डिलिवरी की जाती है. अब ग्राहक सप्लायर को फोन करता है. लोकेशन मांग कर उसे ब्राउन शुगर सप्लाई करता है. एक पुड़िया ब्राउन शुगर का मूल्य अगर 2000 है तो पैडलर ग्राहक को होम डिलिवरी पर 50 रुपये ज्यादा में बेचता. होम डिलिवरी का अलग से चार्ज लिया जाता है. नये ग्राहक से ज्यादा पैसे पैडलर लेता है. इसके साथ उसे अपने बातों में फंसा देता है, जिससे वह उनका ग्राहक बना रहे.

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