साइबर अपराध के लिए प्रभात खबर का जन आंदोलन शुरू, ग्रामीण SP बोले- डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई कार्रवाई नहीं
Jamshedpur Cyber Crime News: जमशेदपुर में साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर ने जन आंदोलन की शुरूआत की है. इस मौके पर ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई कार्रवाई नहीं होती है. यह महज साइबर ठगों की उपज है.
जमशेदपुर : साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर ने जन आंदोलन खड़ा करने का बिगुल फूंक दिया है. इस अभियान के तहत हर एक संस्थान-घर- मकान तक पहुंचकर लोगों को जागरूक किया जायेगा. साइबर सुरक्षा को लेकर प्रभात खबर द्वारा शुरू किये गये जन आंदोलन का गम्हरिया स्थित अरका जैन यूनिवर्सिटी में बुधवार को शुभारंभ करते हुए पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई कार्रवाई नहीं होती है. यह महज साइबर ठगों की उपज है. साइबर ठगी से बचने का जागरूकता ही उपाय है. यदि ठगी के शिकार हो भी जाते हैं, तो तत्काल 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं.
ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग बोले- शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने की योजना से रहें दूर
ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने आगे कहा कि लोग लालच में आकर साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं. हमें लालच व शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने की योजना से दूर रहने की जरूरत है. उन्होंने युवाओं समेत सभी वर्ग के लोगों को जागरूक व सतर्क रहने की सलाह दी. साथ ही इसकी चर्चा अपने दोस्तों व परिचितों से करने की अपील की कि ऐसे कॉल आये तो एक बार जरूर सोचें, जब लॉटरी डाली नहीं तो फिर लक्की नंबर निकला कैसे. जिनके बारे में कहा जा रहा है, पहले उससे एक बार संपर्क जरूर करें. कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रभात खबर के संपादक संजय मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन यूनिट हेड पिनाकी गुप्ता ने किया. कार्यक्रम का संचालन अंजली व अष्टमी ने किया.
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर डीएसपी प्रदीप उरांव व पूजा कुमारी, खरसावां थाना प्रभारी गौरव कुमार, गम्हरिया थाना प्रभारी कुणाल कुमार, मुखिया सुकमति मार्डी, पूर्व मुखिया रामू मुर्मू, समाजसेवी गौरीशंकर टुडू, रजिस्ट्रार अमित श्रीवास्तव, डॉ अंगद तिवारी, पारस नाथ मिश्रा, डीन डॉ पोंपीदास सिंह गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ ईश्वर अय्यर समेत संस्थान के पदाधिकारी, पुलिसकर्मी व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
जमशेदपुर की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
साइबर अपराधी सेवानिवृत्त लोगों को कर रहे हैं टारगेट
पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने कहा कि साइबर क्राइम का इतना विस्तार हो गया है कि इससे कोई भी अछूता नहीं है. आये दिन इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं. आप सभी मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं. साइबर अपराधी वैसे लोगों को टारगेट करते हैं, जिनके अकाउंट में काफी राशि रहती है या फिर वैसे लोग जो सेवानिवृत्त होते हैं.
दो बैंक अकाउंट मेंटेन करें
एसपी ने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए दो अकाउंट रखें. एक वैसा अकाउंट, जिससे आप प्रतिदिन लेन-देन कर रहे हैं. उसमें कम रुपये रखें और दूसरा अकाउंट वैसा रखें जिसमें नेट बैंकिंग नहीं रहे, जिसमें राशि अधिक है. यह एक सुझाव है, जागरूकता भी जरूरी है.
परिवार व आसपास के लोगों को करें जागरूक : डीएसपी
कार्यक्रम में डीएसपी सह साइबर थाना प्रभारी प्रदीप उरांव ने कहा कि अपने आसपास व परिवार को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करें. आज के समय में पूरे देश में प्रतिदिन 800 साइबर क्राइम हो रहा है. ऐसा इसी कारण से हो रहा है कि लोग जागरूक नहीं हैं. पिछले दिनों चार साइबर अपराध हुए हैं, जिसकी एफआइआर हुई है. इसमें पहला : 66 लाख 26 हजार 900 रुपये, दूसरा : 39 लाख 95 हजार रुपये, तीसरा : 10 लाख पांच हजार रुपये व चौथा : 37 लाख रुपये का फ्रॉड शामिल है. थाना प्रभारी चांडिल ने बताया गया कि पिछले दिन एक केस आया, जिसमें साइबर अपराधी फेसबुक के माध्यम से एक अकाउंट का लिंक भेजता है, जिसे ओके करते ही धीरे-धीरे सभी राशि निकाल ली जाती है. उसके बाद भुक्तभोगी साइबर थाना में शिकायत करता है. इसलिए साइबर अपराध के प्रति सभी लोगों को जागरूक होने की जरूरत है.
तीन सावधानियां बरतें, साइबर अपराधियों को मात दें : गौरव कुमार
खरसावां थाना के प्रभारी गौरव कुमार ने कहा कि तीन सावधानियां बरतें, जिससे हम सभी मिलकर साइबर अपराधियों को मात दे सकते हैं. साइबर इन दिनों तीन कारणों के कारण हो रहा है, जिसमें लालच, डर व अज्ञानता शामिल है. इन तीनों से दूर रहें, तो कभी भी साइबर क्राइम नहीं हो सकता है और यदि होता है, तो उसे छिपाएं नहीं, अन्य लोगों से साझा करें. साइबर क्राइम किसी के साथ भी हो सकता है. यदि किसी को जानकारी होती है कि उनके साथ साइबर क्राइम हो गया है, तो एटीएम के पीछे जारी फोन नंबर पर जानकारी दें. जमशेदपुर पहला जिला है, जहां साइबर अपराधियों को सजा भी होनी शुरू हो गयी है.
Also Read: पेसा नियमावली से जुड़ी भ्रांतियां कर लें दूर, झारखंड जनाधिकार महासभा ने लोगों से की ये अपील
पदाधिकारियों व छात्रों ने पूछे सवाल
साइबर ठगी होने पर कितने समय में रिपोर्ट करनी चाहिए और पैसा कैसे वापस मिलेगा : नंद झा
साइबर ठगी का शिकार होने पर तत्काल 1930 नंबर पर शिकायत करें. उसके बाद अपने स्थानीय थाना पहुंच लिखित शिकायत करें. प्राथमिकी दर्ज होते ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. सोशल मीडिया में साइबर दोस्त को सब्सक्राइव कर जानकारी ले सकते हैं.
जहां से मैसेज आता है. सीधे वहीं क्यों नहीं धाबा बोला जाता है : डॉ सौविक राठौर
इस मामले पर भी पुलिस काम कर रही है. फिलहाल, साइबर ठग की शिकायत मिलने पर तुरंत आगे की कार्रवाई की जा रही है. साइबर ठग एक जगह नहीं रहते हैं. ये अपना स्थान बदलते रहते हैं.
साइबर ठगों पर क्या सजा हो रही है : कृतिका
साइबर ठगों पर कार्रवाई किये जाने की प्रक्रिया जारी है. कई मामले में अपराधियों को सजा भी हो चुकी है. इसके अलावा उसका खाता भी बंद कराया जाता है.
साइबर ठगी के पीड़ितों को सरकारी मुआवजा का प्रावधान है : अंजली सिंह
साइबर ठगी के पीड़ितों को सरकारी स्तर पर मुआवजा या क्षतिपूर्ति देने को लेकर कोई प्रावधान नहीं है.
सोशल मीडिया में कुछ वायरल होने पर क्या किया जाता है : अष्टमी
सोशल मीडिया पर कुछ वायरल हो जाने पर तत्काल उसकी प्रशासन से शिकायत करनी चाहिए, ताकि पुलिस कार्रवाई करते हुए तत्काल सोशल मीडिया पर शिकायत कर वायरल पोस्ट को डिलीट कराया जा सके.
सामान्य इंटरनेट सुरक्षा टिप्स व सावधानियां
इंटरनेट के आविष्कार ने संचार और सूचना को साझा करने के तरीके में क्रांति ला दी है, हालांकि इंटरनेट का असुरक्षित इस्तेमाल किसी संगठन के लिए जोखिम पैदा कर सकता है. इंटरनेट सुरक्षा में ब्राउजर सुरक्षा, वेबसाइट सुरक्षा, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन आदि शामिल हैं. इनका उद्देश्य, इंटरनेट पर हमलों के विरुद्ध नियमों और उपायों को लागू करना है. इंटरनेट के असुरक्षित इस्तेमाल से फिशिंग, ऑनलाइन वायरस, ट्रोजन, वर्म्स, रैंसमवेयर, व्यावसायिक ईमेल संबंधी क्षति, वित्तीय नुकसान आदि जोखिम हो सकते हैं.
क्या करें
- संदिग्ध लिंक / यूआरएल क्लिक/डाउनलोड करते समय
चौकस रहें - गोपनीय गतिविधियों / लेन-देन के बाद ब्राउजर हिस्ट्री को समाप्त करने की आदत डालें
- क्लाउड स्टोरेज का प्रयोग उपयुक्त सुरक्षा / गोपनीयता सेटिंग्स के साथ करें
- कोई भी सूचना साझा करने से पहले सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्रामाणिकता और पहचान सत्यापित करें
- उन सेवाओं का विवेकपूर्ण उपयोग करें, जिनके लिए लोकेशन की जानकारी की आवश्यकता होती है. इसके अलावा जीपीएस कॉरडिनेट्स वाले फोटो पोस्ट करने से बचें.
क्या ना करें
- ऑनलाइन शॉपिंग, इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआइ आदि जैसे वित्तीय लेन-देन के लिए किसी भी सार्वजनिक कंप्यूटर या वाई-फाई का प्रयोग न करें
- अविश्वसनीय और असुरक्षित वेबसाइट पर इ-मेल पता, फोन नंबर, भुगतान कार्ड आदि का विवरण न दें
- सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर असत्यापित सामग्री पर भरोसा न करें और इसे साझा न करें. साझा करने से पहले हमेशा स्रोत और सामग्री की प्रामाणिकता जांच लें
Also Read: साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन शुरू, धनबाद SSP बोले- सतर्कता ही सुरक्षा की गारंटी