शहर के प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी एवं एलकेजी में नौनिहालों के एडमिशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. सभी प्राइवेट स्कूलों में पांच जनवरी से लेकर 19 जनवरी के बीच लॉटरी होगी. लॉटरी का तरीका क्या होगा, इसे प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने अपने स्तर से ही तय किया है. इससे संबंधित जानकारी जिला शिक्षा विभाग को लिखित रूप से दे दी गयी है.
लॉटरी के दौरान पर्यवेक्षक रहेंगे तैनात
इधर, जिला शिक्षा विभाग ने भी सभी स्कूलों द्वारा उपलब्ध करवायी गयी सूचना के आधार पर पर्यवेक्षकों की एक टीम तैयार की है. जो टीम विभिन्न स्कूलों में होने वाली लॉटरी के दौरान मौजूद रहेगी. सभी प्राइवेट स्कूलों को चार जनवरी तक लॉटरी से संबंधित जानकारी देने को कहा गया है. हालांकि, अब तक सिर्फ चार स्कूलों ने ही यह जानकारी विभाग को दी है.
20 जनवरी को जारी होगा रिजल्ट
लॉटरी का रिजल्ट 20 जनवरी, 2024 को जारी किया जायेगा. जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है. अभिभावकों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भी रिजल्ट जारी होगा.
किस स्कूल में कब होगी लॉटरी
-
टैगोर एकेडमी – 12 जनवरी -11 बजे
-
केपीएस एनएमएल – 10 जनवरी – 11 बजे
-
एडीएल सनशाइन इंग्लिश स्कूल कदमा – 10 जनवरी – 12 बजे
-
डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल, बीएच एरिया – 16 जनवरी – शाम चार बजे
लॉटरी की पूरी प्रक्रिया की होगी वीडियोग्राफी : जिला शिक्षा अधीक्षक
जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी ने कहा कि लॉटरी की प्रक्रिया पारदर्शी हो, इसके लिए विभाग पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवायेगी. साथ ही शिकायत आने पर जांच होगी. पूर्व में जिला शिक्षा विभाग में लिखित रूप से लॉटरी में हेरफेर का आरोप लगाया जा चुका है. ऑनलाइन लॉटरी में सारा कुछ पहले से तय होने का आरोप हर साल लगता लगता है, इसी वजह से इस बार पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होने के साथ ही 10 अभिभावकों को भी लॉटरी के दौरान मौजूद रहने को कहा गया है.
फर्जी सर्टिफिकेट की जांच शुरू, गलत सर्टिफिकेट जमा करने वालों का रद्द होगा एडमिशन
लॉटरी का रिजल्ट 20 जनवरी को जारी किया जायेगा. उससे पहले ही स्क्रूटनी शुरू कर दी गयी है. अभिभावकों की ओर से सौंपे गये सभी दस्तावेजों की विभिन्न स्कूल प्रबंधकों द्वारा जांच करवायी जा रही है. एडमिशन के लिए आवेदन में अभिभावकों से बच्चों का आधार कार्ड, डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट समेत कई अन्य सर्टिफिकेट लिया गया है. हालांकि आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया गया है. लेकिन स्कूल प्रबंधन की ओर से अपनी सहूलियत के लिए बच्चे का आधार कार्ड भी लिया जा रहा है. अब स्कूलों की ओर से मुख्य रूप से बच्चों के डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट की जांच करवायी जायेगी. ऐसे बच्चे जिन्हें देखने के बाद उनकी वास्तविक उम्र व स्कूल में एडमिशन के लिए प्रस्तुत की गयी वास्तविक डेट ऑफ बर्थ के सर्टिफिकेट में संदेह है, इस प्रकार के बच्चों के सर्टिफिकेट की जांच करवाने के लिए शहर के प्राइवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय में चल रहे आरटीइ सेल में आवेदन किया जायेगा. प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने आरटीइ सेल से मांग की जायेगी कि वे उक्त सर्टिफिकेट की जांच कर बताएं कि आखिर उक्त सर्टिफिकेट फर्जी है या सही है.
सॉफ्टवेयर भी पकड़ रहा है सर्टिफिकेट की गड़बड़ी
शहर के कई प्राइवेट स्कूलों में सॉफ्टवेयर के जरिये बच्चों के फर्जी सर्टिफिकेट को पकड़ा जा रहा है. स्कूल प्रबंधन के पास उन सभी बच्चों का डेटा उपलब्ध है, जिन्होंने पूर्व में भी स्कूल में एडमिशन के लिए फॉर्म भरा था. लेकिन गलत सर्टिफिकेट तैयार कर उन्होंने फिर उसी स्कूल में फॉर्म भर दिया. इस प्रकार के बच्चों को उनके नाम व उनके माता-पिता के नाम के जरिये पकड़ने की तैयारी की गयी है.
Also Read: जमशेदपुर : अखिलेश सिंह गिरोह के शूटर हरीश पर 40 हजार का इनाम, मनीष पर लगा सीसीए