कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को लोगों ने गांधी घाट स्वर्णरेखा नदी, दोमुहानी घाट सहित अन्य नदी घाटों पर आस्था की डुबकी लगायी. ब्रह्मबेला से ही घाटों पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. लोग अपनी-अपनी सुविधा और समय के अनुसार नदी घाट आ रहे थे. यह सिलसिला सुबह दस बजे तक जारी रहा. छिटपुट बारह बजे तक भी लोग नदी घाट पहुंचे. जल में उतरकर सूर्य देव और भगवान विष्णु का नाम लेकर लोगों ने पांच-पांच बार आस्था की डुबकी लगायी. भगवान भास्कर को जल अर्पित किया. नये अथवा स्वच्छ वस्त्र धारण कर दान-पुण्य भी किया. घाट पर कई संस्थाओं की ओर से सेवा शिविर भी लगाये गये थे. इस दौरान किसी भी नदी घाट पर महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं थी. जिससे महिला श्रद्धालुओं को परेशानी हुई.
मंदिरों में हुई पूजा, किया दीपदान
बहरहाल, कई लोगों ने अपने-अपने घरों में भी ब्रह्म बेला में नहा-धोकर भगवान की पूजा की. तुलसी चौरा में दीप जलाये. सुबह-शाम भगवान श्रीहरि की विशेष पूजा की. उधर, सभी मंदिरों में भी भगवान की पूजा की गयी. दीप दान कर लोगों ने कार्तिक पूर्णिमा की पूजा की. इसके साथ महीने भर कार्तिक स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह पूजा संपन्न हुई.
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