Jamshedpur News : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बड़ी बहन का निधन, कहा- मां के बाद उन्हीं ने दिया सहारा
Jamshedpur News : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के निवर्तमान राज्यपाल रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमवती देवी (84 वर्ष) का मंगलवार की सुबह 6:05 बजे टीएमएच में निधन हो गया.
हर दुख-सुख की साथी रही, मां के बाद उन्हीं का था स्थान : रघुवर दास
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के निवर्तमान राज्यपाल रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमवती देवी (84 वर्ष) का मंगलवार की सुबह 6:05 बजे टीएमएच में निधन हो गया. दो दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक के बाद उन्हें इलाज के लिए टीएमएच में भर्ती कराया गया था. प्रेमवती देवी का अंतिम संस्कार बुधवार को भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा बर्निंग घाट पर किया जायेगा. अंतिम यात्रा एग्रिको मेन रोड स्थित (पूर्व मुख्यमंत्री आवास) क्वार्टर से दिन में 11 बजे निकलेगी. निधन की खबर पाकर काफी लोगों ने फोन पर और उनके एग्रिको आवास पहुंच कर दुख जताया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी प्रेमवती देवी के निधन पर शोक जताते हुए संवेदना व्यक्त की है. प्रेमवती देवी के निधन से उनके परिवार और समस्त समुदाय में शोक की लहर है. प्रेमवती के पति शिवचरण का 2006 में निधन हो गया था. वे अपने पीछे चार पुत्र-चार पुत्रियों से भरा-पूरा परिवार छोड़ गयी हैं.बहन के जाने से जीवन में एक बड़ी शून्यता आ गयी : रघुवर
रघुवर दास ने कहा कि बड़ी बहन उनके लिए मां के समान थी. आज वे अपने आप को अनाथ महसूस कर रहे हैं. बहन के चले जाने से एक बड़ी शून्यता जीवन में आ गई है. रघुवर दास ने बताया कि उनकी मां का निधन 1989 में हो गया था. बड़ी बहन ने उस वक्त उन्हें काफी सहारा दिया, जिसके बाद उन्हीं में वह अपनी मां को देखने लगे थे. हर सुख-दुख में वे सबसे पहले उन्हीं से मिलते थे. मुख्यमंत्री बनने के वक्त भी वे उनसे मिलकर निकले. राज्यपाल बनने के लिए जब ओडिशा के लिए रवाना होने लगे तो अपने घर से निकलकर पड़ोस में रहनेवाली बहन प्रेमवती से मिलने गये थे. जहां बहन ने उनकी आरती उतारी और विदा किया था. 2014 में जब रघुवर दास ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस दिन काफी भीड़ वहां थी. भीड़ के धक्के से प्रेमवती गिर गयी थी, जिसके कारण उनका हाथ टूट गया था. इसको लेकर रघुवर ने काफी चिंता जतायी, लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ नहीं हुआ, सब ठीक हो जायेगा. वे अपना काम करें, प्रदेश की जनता को देखें. श्री दास ने कहा कि रक्षाबंधन के दौरान वे कहीं भी रहते थे, लेकिन अपनी बहन से राखी बंधवाने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच जाते थे. अब उनके जाने से पर्व-त्योहार के दौरान यह कमी काफी खलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है