Jamshedpur News : भुइयांडीह में 300 जोड़ी मुर्गों के बीच रोमांचक मुकाबला, लड़ाकू मुर्गे की कीमत कर देगी हैरान
Jamshedpur News : भुइयांडीह स्वर्णरेखा टुसू घाट में मंगलवार को झारखंड सांस्कृतिक कला रंगमंच की ओर से टुसू व मकर पर्व के उपलक्ष्य में विशाल मुर्गा पाड़ा का आयोजन किया गया.
बाजी मुर्गे को हराने वाले को पुरस्कार में एक साइकिल व एक बोरा चावल दिया गया
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भुइयांडीह स्वर्णरेखा टुसू घाट में मंगलवार को झारखंड सांस्कृतिक कला रंगमंच की ओर से टुसू व मकर पर्व के उपलक्ष्य में विशाल मुर्गा पाड़ा का आयोजन किया गया. मुर्गा पाड़ा अखाड़ा में करीब 300 जोड़ी मुर्गे को लड़ाया गया. मुर्गा पाड़ा प्रेमियों ने अपने-अपने मुर्गे पर खूब दांव खेला. वहीं बाजी मुर्गे को हराकर पुरस्कार के रूप में एक साइकिल और एक बोरा चावल भी ले गये. इस तरह बाजी मुर्गे पर प्रथम दिन 25 पुरस्कार रखे गये थे. 14 जनवरी से 16 जनवरी तक हर दिन पाड़ा प्रेमियों के लिए 25-25 पुरस्कार रखे गये हैं. अंतिम दिन यानी 16 जनवरी को भुइयांडीह दुर्गापूजा मैदान में टुसू मेले का आयोजन होगा. तीन दिवसीय टुसू मेले का आयोजन पूर्व मंत्री सह झारखंड आंदोलनकारी नेता दुलाल भुइयां की अगुवाई में झारखंड सांस्कृतिक कला रंगमंच की ओर से किया जा रहा है. मुर्गा पाड़ा का आयोजन बिरसानगर, भुइयांडीह, मानगो, परसुडीह, आदित्यपुर, पटमदा, बोड़ाम, उलियान और गम्हरिया समेत शहर से सटे अन्य जगहों पर किया जा रहा है.15 से 30 हजार रुपये में बिक रहे लड़ाकू मुर्गे
टुसू पर्व झारखंड के आदिवासी समुदाय का महत्वपूर्ण त्योहार है. इसमें पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ कई आयोजन किये जाते हैं. इनमें “मुर्गा पाड़ा ” का विशेष महत्व है. मुर्गा पाड़ा के आयोजन का आकर्षण इतना अधिक है कि इसमें इस्तेमाल होने वाले लड़ाकू मुर्गों की कीमत अभी आसमान छू रही है. टुसू पर्व को देखते हुए एक-एक लडाकू मुर्गे की कीमत 15 से 30 हजार रुपये तक है. ये मुर्गे सामान्य मुर्गों से थोड़ा अलग दिखते हैं. बताते चलें कि ये लड़ाकू मुर्गों को खास प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाता है. ताकि लड़ते समय जल्दी नहीं थके. इन्हें विशेष आहार दिया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है