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मानगो से साकची तक फ्लाइओवर निर्माण में होगी देरी, किसी ऐजेंसी ने अब तक नहीं भरा टेंडर

8 अगस्त तक किसी एजेंसी ने योजना के लिए ई-टेंडर डालने में रूचि नहीं दिखायी. इस कारण से 8 जून 2023 को जारी हुआ प्रोजेक्ट का ई-टेंडर रद्द होगा. नये सिरे से योजना के टेंडर पर गुरुवार को मुहर लगेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2023 12:31 PM

कुमार आनंद, जमशेदपुर :

मानगो से साकची तक 3.5 किलोमीटर लंबा फ्लाइओवर बनाने के लिए कोई एजेंसी सामने नहीं आयी है. फ्लाइओवर सुवर्णरेखा नदी पर से गुजरेगी. इसका खुलासा ई-टेंडर से हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, 237 करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना का ई-टेंडर डालने की आठ अगस्त, 2023 अंतिम तिथि थी. इसके बाद 10 अगस्त को ई-टेंडर डालने वालों का टेक्नीकल बीड खुलना तय था.

लेकिन 8 अगस्त तक किसी एजेंसी ने योजना के लिए ई-टेंडर डालने में रूचि नहीं दिखायी. इस कारण से 8 जून 2023 को जारी हुआ प्रोजेक्ट का ई-टेंडर रद्द होगा. नये सिरे से योजना के टेंडर पर गुरुवार को मुहर लगेगी. कुल मिलाकर नये सिरे से प्रोजेक्ट का दोबारा ई-टेंडर करने में अब विलंब होना तय है. गौरतलब है कि 7 नवंबर 2022 काे सीएम हेमंत साेरेन ने बिष्टुपुर गाेपाल मैदान में आयाेजित ”आपकी याेजना आपकी सरकार” समारोह में शहर के पहले फ्लाइओवर का ऑनलाइन शिलान्यास किया था.

मुख्यमंत्री ने शिलान्यास के ठीक तीन दिन बाद इसके लिए कैबिनेट में 461 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दे दी थी. फ्लाइओवर के निर्माण और एलिवेटेड एप्राेच (मानगाे और साकची के बीच फ्लाइओवर) की लंबाई 3.5 किलोमीटर होगी. इतना ही नहीं फ्लाइओवर के निर्माण के लिए जिला से पथ निर्माण विभाग को 474,78,27,700 रुपये की डीपीआर बनाकर भेजी गयी थी. लेकिन पथ निर्माण विभाग में डीपीआर का आकलन करने के उपरांत संशोधन व कटौती करते हुए 237 करोड़ रुपये की लागत से प्रोजेक्ट का ई-टेंडर जारी किया गया था.

प्रोजेक्ट के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने की थी मशक्कत

मानगो समेत शहर में ट्रैफिक जाम को स्थायी मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से स्थानीय विधायक सह राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने काफी मशक्कत की थी. मंत्री ने विभागीय इंजीनियरों, टाटा स्टील के अधिकारियों को लेकर मानगो, साकची समेत अन्य चिह्नित जगहों, जो प्रोजेक्ट के लिए उपयोगी था, उसका चयन करने, धरातल पर प्रोजेक्ट का सर्वे शुरू करने, डीपीआर बनवाने के अलावा प्रोजेक्ट का शिलान्यास करवाने में अहम भूमिका निभायी थी. मंत्री ने ढाई साल में प्रोजेक्ट को पूरा करने और खुद निगरानी करने की भी घोषणा की थी.

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