जमशेदपुर कालीमाटी हाईस्कूल के बच्चे पहुंचे डीएसइ ऑफिस, कहा – नये स्कूल में नहीं जायेंगे
कालीमाटी हाइस्कूल को अपग्रेड किया गया है. पूर्व में सिर्फ आठवीं तक की पढ़ाई होती थी. स्कूल को अपग्रेड करने के बाद यहां नौवीं व 10वीं की पढ़ाई भी शुरू की गयी है, लेकिन जिस दो कमरे में नौवीं व 10वीं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई करवायी जा रही है, वे जर्जर हैं.
कालीमाटी हाइस्कूल को अपग्रेड किया गया है. पूर्व में सिर्फ आठवीं तक की पढ़ाई होती थी. स्कूल को अपग्रेड करने के बाद यहां नौवीं व 10वीं की पढ़ाई भी शुरू की गयी है, लेकिन जिस दो कमरे में नौवीं व 10वीं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई करवायी जा रही है, वे जर्जर हैं. जिला शिक्षा विभाग की ओर से उसे कंडम घोषित कर दिया गया है. उक्त कमरे को गिराने के साथ ही उसी जगह पर दो नये कमरे बनाने का निर्देश दिया गया है.
नया भवन बनने तक करेंगे दूसरे स्कूल में पढ़ाई
इस पूरी प्रक्रिया से पूर्व कालीमाटी हाइस्कूल में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी कहां जायेंगे, इसे लेकर मंथन करने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने तय किया कि कालीमाटी हाइस्कूल के बगल के ही स्कूल लक्ष्मीनगर हाइस्कूल में उक्त सभी बच्चों को फिलहाल शिफ्ट कर दिया जाये. फिलहाल सभी बच्चे लक्ष्मीनगर हाइस्कूल में पढ़ाई करेंगे. यहां आधारभूत संरचना बेहतर होने के साथ ही शिक्षकों की भी काफी कम संख्या है. इधर यह फरमान सुनने के बाद स्कूली बच्चे बिदक गये हैं.
एसडीओ ने बच्चों को समझाया
शनिवार को जिला शिक्षा विभाग में अचानक कुछ बच्चे आ धमके. यहां पहुंच कर वे पहले जमीन पर बैठ गये. नारेबाजी शुरू की. अधिकारियों ने माजरा समझने का प्रयास किया, इसके बाद पता चला कि सभी बच्चे लक्ष्मीनगर हाइस्कूल में नहीं पढ़ाई करना चाहते हैं. एजुकेशन एसडीओ आशीष वर्मा ने बच्चों को काफी समझाया. बताया गया कि वे जिस जर्जर कमरे में पढ़ाई करते हैं, वह सुरक्षित नहीं है. भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना ना हो, इससे बचने के लिए ही उन्हें फिलहाल दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है. बच्चे इसके लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा कि अचानक दूसरे स्कूल जाने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी. बच्चों ने लिखित रूप से अपनी मांगे जिला शिक्षा विभाग को सौंपी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बच्चों के जानमाल के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि दो कमरे जर्जर हैं, जहां नौवीं व 10वीं की पढ़ाई हो रही है. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें बगल के ही सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया गया है.
निर्मला बरेलिया, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम