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जमशेदपुर : जिंदा मरीज हुआ मृत घोषित, मरने वाले को मिला डिस्चार्ज, दो दिन तक भटकते रहे परिजन

जमशेदपुर, यह है एमजीएम अस्पताल, जहां जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर उसके नाम पर मरे हुए का शव शीतगृह में रखवा दिया जाता है. वहीं, परिवार उसकी तलाश में दो दिन तक इधर-उधर भटकते रहा. एमजीएम अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला.

By Prabhat Khabar News Desk | April 30, 2023 11:07 AM
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जमशेदपुर : जमशेदपुर, यह है एमजीएम अस्पताल, जहां जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर उसके नाम पर मरे हुए का शव शीतगृह में रखवा दिया जाता है. वहीं, परिवार उसकी तलाश में दो दिन तक इधर-उधर भटकते रहा. एमजीएम अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. जानकारी नहीं मिलने पर परिजनों ने आदित्यपुर थाने में शिकायत की. थक-हार कर परिवार वालों ने अस्पताल के शीतगृह में उसे तलाशा.

दूसरे के नाम पर अस्पताल प्रबंधन ने शीतगृह में रखवा दिया शव

तब पता चला कि उसकी मृत्यु हो चुकी है और शव किसी दूसरे के नाम पर अस्पताल प्रबंधन ने शीतगृह में रखवा दिया है. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. गुरुवार (27 अप्रैल) को एमजीएम अस्पताल में आदित्यपुर से रोड एक्सीडेंट का दो मामला आया था. ललित दत्ता नामक मरीज को गंभीर चोट आयी थी. उसकी मौत हो गयी, लेकिन दूसरे मरीज धनंजय को एमजीएम से डिस्चार्ज कर दिया गया. उसके परिजन उसे लेकर घर चले गये.

परिजन अस्पताल में कर रहे थे खोजबीन

दूसरी ओर, ललित दत्ता के परिजन अस्पताल में उसकी खोजबीन कर रहे थे. ललित के नहीं मिलने पर परिजनों ने आदित्यपुर थाने में शिकाय की. अस्पताल अधीक्षक रवींद्र कुमार से मिल सीसीटीवी फुटेज दो घंटे देखा, लेकिन मरीज का कोई पता नहीं चला. बाद में, धनंजय को भर्ती कराने वाले व्यक्ति के नंबर पर फोन किया गया, तो पता चला कि जिस मरीज के नाम पर शव को रखा गया है. वह परिजन के साथ घर पर है.

परिजनों ने मोर्चरी में जाकर ललित दत्ता का शव देखा

इसके बाद परिजनों ने मोर्चरी में जाकर शव को देखा. तब पता चला कि ललित दत्ता का शव रखा हुआ है, लेकिन रजिस्टर में नाम धनंजय अंकित है. आदित्यपुर निवासी ललित दत्ता आदित्यपुर की एक कंपनी में बॉडी गैरेज में काम करता था. अज्ञात वाहन की चपेट में आकर घायल हो गया था. अधीक्षक रवींद्र कुमार ने कहा कि एक्सीडेंट केस आया था. पेपर बनाने के दौरान नाम में गड़बड़ी होने से ऐसा हुआ प्रतीत हो रहा है. मामले को देखा जा रहा है.

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