Jamshedpur News : बन्ना गुप्ता की राह में उनके अपने ही बने कांटे, मुस्लिम क्षेत्र में कम वोट पड़ना भी बना हार का कारण
Jamshedpur News : जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा में मंत्री बन्ना गुप्ता को 7863 वोटों से शिकस्त मिली. इस चुनाव में उन्होंने पिछले हर चुनाव से अधिक मेहनत की थी. यही कारण रहा कि क्षेत्र के 95,768 लोगों ने उन पर विश्वास किया, उन्हें वोट दिया.
55 बूथ पर सिंगल डिजिट में रहे सरयू राय
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जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा में मंत्री बन्ना गुप्ता को 7863 वोटों से शिकस्त मिली. इस चुनाव में उन्होंने पिछले हर चुनाव से अधिक मेहनत की थी. यही कारण रहा कि क्षेत्र के 95,768 लोगों ने उन पर विश्वास किया, उन्हें वोट दिया. हालांकि, इतने वोट लाकर भी वे जीत नहीं सके. इस हार के कारणों की समीक्षा वे खुद कर रहे हैं. उनके समर्थक भी हार से मायूस हैं. प्रभात खबर द्वारा बन्ना गुप्ता के हार के कारणों की समीक्षा की गयी. जिसमें यह बात उभर कर सामने आयी कि सोनारी में बन्ना गुप्ता को सरयू राय की तुलना में 70 फीसदी कम वोट मिले. अपेक्षाकृत हर बूथ पर औसतन 200 की लीड से सरयू राय आगे बढ़ते रहे. यह स्थिति पहले नंबर बूथ से शुरू होकर 44 नंबर बूथ तक रही. पहली बार सोनारी जीईएल चर्च मध्य विद्यालय के बूथ नंबर 45 से बन्ना गुप्ता के लिए सुखद खबर आयी. इस बूथ पर बन्ना गुप्ता को 554, जबकि सरयू राय को 223 वोट मिले. लेकिन यह स्थिति बरकरार नहीं रह पायी. इसके बाद फिर शुरू हुआ पीछे रहने का खेल जो निरंतर चलता रहा. सोनारी, कदमा, साकची, बिष्टुपुर में बन्ना गुप्ता को अधिक वोट नहीं मिल सका.मुस्लिम क्षेत्र में भी सरयू राय को मिले वोट
इस बार सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सरयू राय को मुस्लिम बहुल इलाके में भी कुछ बूथ पर ठीक-ठाक वोट मिले. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मध्य विद्यालय के बूथ नंबर 278 में बन्ना गुप्ता को 589 तो सरयू राय को 139, जबकि बूथ संख्या 279 पर बन्ना गुप्ता को 338 तो सरयू राय को 223 वोट मिले. जवाहरनगर उर्दू मध्य विद्यालय में बने बूथ नंबर 314 में बन्ना गुप्ता को जहां 453 वोट मिले तो सरयू राय को भी यहां 139 वोट मिले. मंत्री बन्ना गुप्ता को मानगो क्षेत्र से वोट जरूर मिले, लेकिन मतदान वाले दिन दोपहर करीब एक बजे के बाद से मतदाता वोट देने बाहर नहीं निकले, जिस वजह से इस क्षेत्र में वोटिंग का प्रतिशत अपेक्षाकृत कुछ कम रहा और यही बन्ना गुप्ता की हार के प्रमुख कारणों में से बना.
—–बन्ना गुप्ता की हार का मुख्य कारण1. मुस्लिम बहुल इलाके में अपेक्षाकृत कम वोटिंग होना.2. सोनारी, कदमा, साकची, बिष्टुपुर में सरयू राय से हर बूथ पर पिछड़ते रहे.
3. चुनाव के दौरान गिचू अग्रवाल की गिरफ्तारी व आंदोलन के बाद छोड़े जाने पर कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ा, सरयू राय के पक्ष में माहौल बना4. संघर्ष के दिनों में साये की तरह रहने वाले उनके कट्टर समर्थकों का मंत्री बनने के बाद बन्ना गुप्ता से दूर होना, जबकि मंत्री बनते ही नए लोगों की इंट्री से कार्यकर्ताओं में नाराजगी5. मानगो के साथ ही सोनारी-कदमा में भी हुआ भितरघात6. चुनाव से ठीक पहले एक समुदाय विशेष को लेकर दिये गये भाषण का एडिटेड वीडियो का वायरल होना, जबकि इसके काट में किसी प्रकार का कोई एक्शन नहीं लेना. इसने ध्रुवीकरण को हवा दिया.7. सोशल मीडिया से लेकर हर जगह सरयू राय की पहुंच बेहतर, सोशल मीडिया के क्षेत्र में बेहद कमजोर. इमेज बिल्डिंग को लेकर कोई काम नहीं हुआ.
8. हिंदू बहुल क्षेत्रों में सामाजिक व जातीय समीकरण नहीं साध सकें.9. चुनाव के दौरान सरयू राय द्वारा भय और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया गया, कुछ दागदार लोगों को साथ रखने की वजह से आम लोग दूर हो गए.
10. कांग्रेस का संगठन कमजोर रहने से हुआ नुकसान.——-
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