Jamshedpur News : टाटा लीज नवीकरण होने से पहले 18 मौजा के विस्थापितों को मिले न्याय

Jamshedpur News : झारखंड मूलवासी अधिकार मंच ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि टाटा लीज नवीकरण को लेकर नगर विकास विभाग झारखंड सरकार के द्वारा कमेटी बनाकर जो अधिसूचना जारी की गयी है

By Prabhat Khabar News Desk | January 27, 2025 7:58 PM
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झारखंड मूलवासी अधिकार मंच ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा

मंच ने नगर विकास एवं भू-राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना को गलत एवं असंवैधानिक बताया

कमेटी को लेकर जारी अधिसूचना को रद्द करने की मांग

कमेटी में हरमोहन महतो एवं गोपाल मुर्मू के नाम को शामिल करें, नहीं तो आंदोलन

Jamshedpur News :

झारखंड मूलवासी अधिकार मंच ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि टाटा लीज नवीकरण को लेकर नगर विकास विभाग झारखंड सरकार के द्वारा कमेटी बनाकर जो अधिसूचना जारी की गयी है, उसे रद्द करते हुए कमेटी में हरमोहन महतो एवं गोपाल मुर्मू के नाम को शामिल करने की मांग की गयी है. ऐसा नहीं करने पर जोरदार आंदोलन करने की बात कही गयी है.ज्ञापन में आगे कहा गया है कि टाटा कंपनी लीज नवीकरण अभी होना है. उसमें उद्योग, समाजसेवा, खेल, कला, संस्कृति आदि कॉलम रखा गया है. यानी उनके प्रतिनिधि लीज नवीकरण कमेटी में रहेंगे. लेकिन टाटा कंपनी, एयरपोर्ट और डिमना डैम के विस्थापितों को इस कमेटी में नहीं रखा गया. झारखंड मूलवासी अधिकार मंच के मुख्य संयोजक हरमोहन महतो ने मांग की है कि लीज नवीकरण कमेटी को पहले भंग किया जाए और उसके बाद उसमें विस्थापितों का भी एक कॉलम जोड़ा जाए. ताकि कंपनी, एयरपोर्ट और डिमना डैम के विस्थापितों को भी इस कमेटी में शामिल किया जा सके.हरमोहन महतो ने कहा कि टाटा कंपनी बनने से पहले 18 मौजा के रैयत खतियानधारी आदिवासी-मूलवासी विस्थापित हुए हैं. वे काफी लंबे समय से मुआवजा, जमीन वापसी, नौकरी व रोजगार के लिए आंदोलनरत हैं. लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद भी विस्थापितों को न्याय नहीं मिला. लीज नवीकरण के पहले सरकार विस्थापित आयोग बनाकर 18 मौजा के विस्थापितों को न्याय दे. टाटा विस्थापितों का मामला झारखंड उच्च न्यायालय सहित जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में भी लंबित है. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में राज्यपाल संरक्षक होते हैं. आदिवासी क्षेत्र में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की अनुमति के बिना नगर विकास एवं भू-राजस्व विभाग ने अधिसूचना जारी की है, जो सरासर गलत एवं असंवैधानिक है.

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