झारखंड की सीमा से सटा है गंगामन्ना जंगल, जहां बाघ के होने की सूचना
Galudih/Ghatshila/Jamshedpur/Gamharia News :
कोल्हान में एक बार फिर से बाघ का खौफ है. बंगाल सीमा पर बाघ दिखा है. वहीं, 12 बकरियों का भी शिकार किया गया है. वहीं, गम्हरिया में भी बाघ का खौफ देखने को मिला है. पुरुलिया के गंगामन्ना जंगल में बाघ के विचरण की पुष्टि बंगाल के वन विभाग ने की है. कंसवती दक्षिण की डीएफओ पूर्वी महतो ने कहा कि बाघ ने जंगल में 10-12 बकरियों का शिकार किया है. लेकिन जंगलों में लगाये गये नाइट विजन कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद नहीं हो पायी है. मंगलवार को गंगामन्ना जंगल में चरने गयीं 10-12 बकरियों का बाघ ने शिकार किया है. उनके अवशेष जंगल में मिले हैं. इससे साबित हो रहा बाघ इसी जंगल में विचरण कर रहा है. कई जगह बाघ के पदचिह्न भी देखे गये हैं. पर कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद नहीं होने से वन विभाग परेशान है. गंगामन्ना जंगल झारखंड की सीमा से सटा है. इस पार झारखंड तो उस पार पश्चिम बंगाल के गांव हैं. बीच में जंगल और पहाड़, इस जंगल-पहाड़ में बाघ विचरण कर रहा है. जिससे झारखंड-बंगाल सीमा के गांवों में दहशत बरकरार है.बाघ को पकड़ने के लिए खांचा लगाया गया
वहीं, वन विभाग ने बताया कि बकरियों के शिकार होने के बाद उसी जंगल में आसपास के इलाके में बाघ को पकड़ने के लिए खांचा लगाया गया और जाल बिछाये गये हैं. आसपास नाइट विजन कैमरे भी लगाये गये हैं, पर दोबारा बाघ वहां नहीं आया. सुंदरवन से आयी टीम और पश्चिम बंगाल की वन विभाग की टीम लगातार बाघ की खोज में जुटी है. इस बाघ के गर्दन में रेडिया कॉलर बंधा नहीं होने से कारण वन विभाग को सही लोकेशन नहीं मिल पा रहा है. ना तो बाघ की तस्वीर लगाये गये कैमरे में कैद हो रही है. इससे पुष्टि नहीं हो पा रही है वह बाघ ही है या कोई और जानवर. मिले पंजे के निशान से बाघ के होने की पुष्टि वन विभाग जरूर कर रही है.झाड़ग्राम के जंगलों से पुरुलिया के जंगल में पहुंचा बाघ
जानकारी के अनुसार, तीन दिन पूर्व तक बाघ झाड़ग्राम के जंगलों में विचरण कर रहा था. अब पहाड़ों के रास्ते बाघ पुरुलिया के जंगलों में पहुंच गया है. बुधवार तक पुरुलिया जिले के झारखंड सीमा से सटे गंगामन्ना जंगल में बाघ के होने की पुष्टि हुई. बाघ की धमक से दोनों राज्यों के सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण दहशत में हैं.सालमपाथर में बाघ आने की आशंका से लोगों में दहशत
गम्हरिया प्रखंड के बुरूडीह पंचायत के सालमपाथर व आसपास के क्षेत्र में बाघ के आने की आशंका से लोगों में दशहत है. पंचायत के पूर्व मुखिया सह प्रधानमंत्री कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किसान सोखेन हेंब्रम ने बताया कि वैसे तो किसी ने बाघ को विचरण करते देखा नहीं है, लेकिन गांव के एक ईंट भट्टा में कच्चा ईंट के ऊपर पंजा के निशान होने से लोगों को आशंका है कि बाघ इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा है. वहीं वनपाल देवेंद्र नाथ टुडू ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना दी गयी है, हालांकि पंजा के निशान बाघ के नहीं लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि उक्त निशान हाइना के हो सकते हैं. फिर भी सूचना के बाद विभाग सक्रिय है. साथ ही ग्रामीणों को सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है.कोल्हान में बाघ के कोई निशान नहीं : डीएफओ
दलमा और जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि कोल्हान में बाघ के कोई निशान नहीं हैं. बाघ बंगाल चला गया है. इसकी पुष्टि हो चुकी है. वहीं, गम्हरिया में भी बाघ के निशान नहीं मिले हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है