जमशेदपुर: सात साल की मासूम सोमवारी सबर शुक्रवार की सुबह सड़क पर मृत पड़ी अपनी मां को सोया समझ कर बार-बार उठाने की कोशिश कर रही थी. वह कह रही थी सुबह हो गयी, उठो मां. उसे नहीं पता था कि उसकी मां अब दुनिया में नहीं है. मां नहीं उठी तो, उसने चादर ओढ़ा दी. यह मार्मिक दृश्य घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत के दारीसाई सबर बस्ती की है.
बच्ची के पिता दारीसाई सबर बस्ती निवासी लालटू सबर (28) की एक माह पूर्व बीमारी से मौत हो गयी थी. अब मां जोबनी सबर (24) की मौत हो गयी. सात साल की सोमवारी का कोई रिश्तेदार नहीं है. एक माह में ही उसके सिर से माता-पिता का साया उठ गया. सबर बस्ती के अधिकांश लोग पीसीसी सड़क पर गर्मी के कारण सोते हैं. जोबनी भी अपनी बेटी सोमवारी साथ सोयी थी.
सुबह पता चला कि उसकी मौत हो गयी है. चंदा कर उसके दाह संस्कार की व्यवस्था की गयी. सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन की टीम सबर बच्ची सोमवार से मिली और उसे साथ ले जाना चाहा. हालांकि सबरों ने क्रियाकर्म तक उसे रहने देने का अनुरोध किया. तब सबरों को उसके देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंपकर टीम लौट गयी. लालटू और जोबनी सबर बच्ची सोमवारी के साथ बस्ती के क्लब भवन में रहते थे. उनका घर नहीं है. यहां कई सबरों की मौत से आवास खाली है. पुराने जर्जर हाल में हैं. लालटू और उसकी पत्नी की मौत से क्लब भवन भी खाली हो गया. अनाथ बच्ची देखभाल गांव के सबर कर रहे.
Posted By: Sameer Oraon