Jamshedpur News: जमशेदपुर-2024 में फिर न लौटेगी 1 से 31 तक की तिथियां, चलो चलें जुबिली पार्क के दामन में संजोने खुशियां. रविवार को कुछ ऐसा अंदाज बयां कर रही थी शहर का एक मात्र अत्यंत ही खूबसूरत जुबिली पार्क की फिजा. दिसंबर की पहली तारीख और संडे. ऐसे में जुबिली पार्क संडे-फन डे को चरितार्थ करता नजर आया. जुबिली पार्क इतनी भीड़ दिखी कि एक बार ऐसा लगा कि पूरा शहर ही यहां उमड़ पड़ा है. हर उम्र के लोग खूब मस्ती करते नजर आये. कोई बैडमिंटन, तो कोई फुटबॉल खेलने में मस्त रहा. कोई जल क्रीड़ा करता दिखा. सुबह करीब दस बजे से लोगों के पार्क आने का सिलसिला जो शुरू हुआ, जो शाम तक बदस्तूर जारी रहा.
जुबिली पार्क में मेले-सा नजारा
दफ्तर की ड्यूटी से बाहर निकल लोगों ने फुरसत के पल को परिजन, दोस्तों और बच्चों के साथ बिताया. हंसी-ठिठोली के बीच खान-पान के साथ तरह-तरह के गेम का आनंद उठाया. एम्यूजमेंट पार्क में तो मेले-सा नजारा था. स्ट्राइकिंग कार से लेकर हर झूले के पास लंबी-लंबी कतारें थीं. एम्यूजमेंट पार्क के बाहर भी टिकट लेने के लिए उतनी ही लंबी पंक्ति. कुल मिलाकर लोगों ने दिनभर पिकनिक का आनंद उठाया.
हर झूले के पास लंबी कतार
एम्यूजमेंट पार्क में जिधर नजर उठाओ, उधर लोगों की भीड़ थी. स्ट्राइकिंग कार, बोटिंग, बच्चों के लिए टॉय ट्रेन, बुल की सवारी, हर जगह भीड़ ही भीड़ थी. बच्चों ने सबसे अधिक टॉय ट्रेन और लकड़ी की काठी/ काठी का घोड़ा/ घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा, गीत पर घोड़े की राइड की. वहीं, परिजनों के साथ नाव और वाटर झूले का आनंद भी उठाया. लोगों ने पार्क में बने हाथी, चिंपैंजी, जिराफ, बंदर के साथ सेल्फी भी उतारी. सबसे अच्छी बात यह थी कि पार्क में प्रवेश करने के साथ जोकर के अट्टहास के साथ बच्चों का खैरमकदम हुआ. जहां बच्चे रुक-रुककर मशीन से आती हंसी की आवाज सुन रहे थे. आगे-पीछे देखने के बाद विभिन्न झूले की तरफ उनके कदम उठ जा रहे थे.
सर्दी में रेन वाटर
युवाओं की टीम अलग ही मस्ती के मूड में थी. दिसंबर की सर्दी में भी वाटर पार्क में परदेसिया ये सच है पिया/ सब कहते हैं तूने/ मेरा दिल ले लिया जैसे बॉलीवुड गीतों पर रेन वाटर में ठुमके लगाये. फॉल करते हुए पूल में स्विमिंग भी की. बच्चे भी कहां पीछे रहने वाले थे. परिजनों के साथ वे भी आ गये रेन वाटर में और थिरकने लगे. हालांकि, सर्दी की वजह से यहां थोड़ी कम भीड़ थी. लेकिन, जितनी थी माहौल में मस्ती लाने के लिए काफी थी.
दिनभर होती रही मस्ती
एम्यूजमेंट पार्क से निकल खुले जुबिली पार्क की तरफ बढ़ने पर वहां का नजारा भी आनंद से भरा था. अधिकतर फैमिली जो सुबह दस बजे के आसपास पार्क आ गये थे, सभी के थैले में ब्रेकफास्ट और लंच था. गपशप करते हुए सभी ने एक साथ बैठकर ब्रेकफास्ट और लंच लिया और दिनभर मस्ती की. महिलाओं ने अंताक्षरी, लूडो जैसे गेम का लुत्फ उठाया, तो बच्चे और युवा बैडमिंटन, फुटबॉल और क्रिकेट में व्यस्त रहे. ज्यों-ज्यों दिन चढ़ रहा था, लोगों की मस्ती बढ़ती जा रही थी. दोपहर से ही पूरे पार्क में बैडमिंटन शुरू हो गया था. इसमें हार-जीत भी हो रही थी. कई युवाओं ने परिजनों के साथ कबड्डी, छुआ-छुई जैसा गेम भी खेले. दिन ढलते ही लोगों ने घर की तरफ रुख्सत की.
पार्क में आए लोग क्या बोले?
स्ट्राइकिंग कार ड्राइविंग के लिए लाइन में लगी हूं. ड्राइविंग के बाद अलग-अलग झूला झूलुंगी. मैं परिजन के साथ आयी हूं. यहां आकर अच्छा लग रहा है.
- भव्या सिन्हा, आदित्यपुर
पुणे से जमशेदपुर आयी हूं. रविवार होने के कारण परिजनों के साथ एम्यूजमेंट पार्क आ गयी. भीड़ है, लेकिन आनंद आ रहा है. - चित्रा सिंह, आदित्यपुर
बोटिंग की, फैमिली के साथ नाव झूले में गयी. स्ट्राइकिंग कार की ड्राइविंग की. एक साथ फैमिली के साथ निकलने से अच्छा लग रहा है. - निष्ठा सिन्हा, बिष्टुपुर
एम्यूजमेंट पार्क में जल्दी-जल्दी झूला झूलने की घोषणा हो रही है. इसलिए जल्दी-जल्दी झूला झूलना है. यहां के बाद वक्त मिला, तो थोड़ी देर जुबिली पार्क में बैठूंगी. - शर्मिली, गम्हरिया
पति और बेटी आतिशी बनर्जी के साथ आयी हूं. बेटी टॉय ट्रेन पर चढ़ी है. स्ट्राइकिंग कार पर चढ़ना है. झूला भी झूलुंगी. - शेफाली बनर्जी, सिगदोड़ा
फैमिली गेदरिंग
जुगसलाई की रजनी कौर अपनी फैमिली के साथ दोपहर बारह बजे जुबिली पार्क पहुंच गयी थीं. उनके साथ परिवार के 15 सदस्य थे. वह घर से लंच बनाकर लायी थीं. पार्क में सभी ने एक साथ लंच किया. इसके साथ अंताक्षरी, पासिंग बॉल जैसे गेम शुरू हो गये. शाम में गोलगप्पा पार्टी हुई. सभी ने दिनभर मस्ती की.
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