जमशेदपुर. पूर्वी सिंहभूम के नक्सल प्रभावित पटमदा के बामनी में झारखंड सरकार ने करोड़ों खर्च कर स्थानीय किसानों के लिए 5 एमटी (5000 किलो) क्षमता का कोल्ड स्टोरेज बनाकर विगत 3 अक्तूबर को उद्घाटन किया. लेकिन, उचित प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण आज भी कोल्ड स्टोरेज का उपयोग स्थानीय किसान नहीं कर पा रहे हैं. कुछ किसान ही कोल्ड स्टोरेज से जुड़ पाये हैं. वर्तमान में कोल्ड स्टोरेज में केवल गुड़ रखा है. किसानों को कोल्ड स्टोरेज का लाभ लेने के लिए आगे आना चाहिए. बामनी में किसानों की फसल को सुरक्षित रखने और उसकी पूरी कीमत मिलने को लेकर बहुमंजिला कोल्ड स्टोरेज बनाया गया. इसका उद्घाटन हुए दो माह हो गये, लेकिन पूरा प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण पटमदा-बोड़ाम के अलावा जिले के अन्य किसान इससे दूर ही हैं. मालूम हो कि कोल्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट का शिलान्यास 10 मार्च 2019 को जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, तत्कालीन विधायक रामचंद्र सहिस ने संयुक्त रूप से किया था. दो साल की समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रोजेक्ट कोविड की भेंट चढ़ गया. इतना ही नहीं प्रोजेक्ट को पूरा करने, फिर उसके संचालन के लिए एजेंसी का चयन पीपीपी मॉडल से करने में झारखंड सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ी. अंतत: झारखंड सरकार ने कोल्ड स्टोरेज को वेजफेड के माध्यम से हजारीबाग होप एंड हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड को पीपीपी मॉडल से संचालन के लिए दिया. इसके बाद विगत 3 अक्तूबर को स्थानीय झामुमो विधायक मंगल कालिंदी व वेजफेड के प्रबंध निदेशक अभिनव मिश्रा ने इसका उद्घाटन किया. इससे 12-14 लाख रुपये सालाना राजस्व सरकार को मिला. इधर, पांच एमटी क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज में गिनती के किसान ही जुड़ पाए हैं. कोल्ड स्टोरेज में अभी सिर्फ डेढ़ हजार टीनों में गुड़ रखा गया है. वेजफेड, झारखंड के प्रबंध निदेशक अभिनव मिश्रा ने कहा कि पटमदा के बामनी में कोल्ड स्टोरेज का संचालन शुरू है. किसान यहां अपनी फसल सुरक्षित रख सकते हैं. जल्द ही इसका फायदा जिले के साथ आसपास के किसान उठाने लगेंगे. वहीं, होप एंड हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, हजारीबाग के हर्ष अजमेरा ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज आउट ऑफ सीजन मिला है. विस चुनाव में आचार संहिता के कारण इसका प्रचार-प्रचार नहीं हो पाया. जल्द ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका फायदा मिलेगा.
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