जमशेदपुर के लापता विमान का अब तक कोई सुराग नहीं, नेवी के उपकरण डैम के पत्थर में फंसे

Jamshedpur News: जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद लापता विमान का अब तक पता नहीं चला है. नेवी की टीम आज फिर चांडिल डैम में उतरेगी.

By Mithilesh Jha | August 25, 2024 7:05 AM

Jamshedpur News: जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से 20 अगस्त को उड़ान भरने के 20 मिनट बाद लापता हुए ट्रेनी विमान की चांडिल डैम में की जा रही तलाश शनिवार को भी पूरी न हो सकी. भारतीय नौसेना की टीम 4 बोट की मदद से सुबह 9 बजे से दिन के करीब 3 बजे तक डैम के गहरे पानी में विमान की तलाश करती रही, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा.

कोयलागड शिव मंदिर के पास विमान के होने की संभावना

टीम को प्रसिद्ध प्राचीन कोयलागड शिव मंदिर (जो अब डैम के पानी में जलमग्न हो चुका है) के पास नुकीला पत्थर मिला है. नुकीले पत्थर में नौसेना के उपकरण फंस गये थे. टीम का अनुमान है कि वहां आसपास विमान हो सकता है. टीम उस स्थान पर मार्किंग करके आयी है. रविवार को सुबह एक बार फिर टीम विमान की खोज में डैम के अंदर घुसेगी.

लापरवाही का केस दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच

विमान हादसे में मारे गये ट्रेनी पायलट शुभ्रोदीप दत्ता के पिता ने जमशेदपुर के नीमडीह थाना में अलकेमिस्ट एविएशन के खिलाफ लिखित शिकायत की है. इसमें उन्होंने कहा है कि उनके बेटे ने उन्हें बताया था कि अलकेमिस्ट एविएशन खराब एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर रहा है. पिता का दावा है कि खराब एयरक्राफ्ट के इस्तेमाल के कारण ही उनके बेटे की जान गयी है.

इन धाराओं के तहत दर्ज हुई प्राथमिकी

  • इस मामले में नीमडीह थाना प्रभारी संतन तिवारी ने बताया कि धारा 106 के क्लाउज 1, धारा 289 बीएनएस और एयरक्राफ्ट एक्ट के तहत केस दायर किया गया है. 106 के क्लाउज वन के तहत पानी में गलत मशीनरी के कारण डूबने का मामला बना है.
  • भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) में सजा के बारे में बताया कि यदि कोई व्यक्ति लापरवाही या जल्दबाजी के कारण किसी व्यक्ति के मौत का कारण बनता है तो उस व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर 5 वर्ष की सजा दी जा सकती है.
  • धारा 289 बीएनएस के तहत जो कोई भी, किसी भी मशीनरी के साथ, इतनी तेजी से या लापरवाही से कोई कार्य करता है कि मानव जीवन को खतरे में डाल सकता है या किसी अन्य व्यक्ति को चोट या चोट पहुंचाने की संभावना हो या जानबूझकर या लापरवाही से अपने कब्जे में या उसके अधीन किसी भी मशीनरी के साथ ऐसा आदेश लेने से चूक जाता है. ऐसी मशीनरी से मानव जीवन को होने वाले किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिए पर्याप्त देखभाल के लिए छह महीने तक की कैद की सजा या पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा. थानेदार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में आरोपी पक्ष को नोटिस दिया जायेगा और फिर जांच की जायेगी.

डीजीसीए की टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया, एविएशन में ट्रेनिंग बंद

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के 4 विंग के लोग जांच कर रहे हैं. शनिवार को घटनास्थल की जांच करने डीजीसीए की टीम पहुंची. टीम ने नेवी और एनडीआरएफ की टीम के साथ बातचीत की. टीम पिछले चार दिनों से जांच कर रही है. टीम के द्वारा सारे विमान व संबंधित दस्तावेजों की जांच पूरी की जा चुकी है. अगर लापता विमान मिलता है तो उसकी जांच डीजीसीए की टीम शुरू करेगी. इस बीच डीजीसीए ने तत्काल प्रभाव से ट्रेनिंग बंद करा दी है.

अपना साज-ओ-सामान लेकर जाती नेवी की टीम. फोटो : प्रभात खबर

नदी में गिरने के दौरान कूदने और तैरने की कोशिश करने के मिले संकेत

नेवी और एनडीआरएफ की टीम ने उक्त स्थानों की जांच की जहां पर शव मिला था. वहां विमान तो नहीं मिला, लेकिन संभव है कि नदी में गिरने के दौरान एयरक्राफ्ट से दोनों पायलट कूद गये होंगे. उसके अलावा तैरने की भी कोशिश की गयी होगी, जिस कारण दोनों शव दो दिशा में पाये गये हैं. इसके सिर्फ कयास लगाये जा रहे हैं.

डैम में समाये गांव, रेल की पटरी और मंदिर से रेस्क्यू टीम को हो रही परेशानी

डैम के अंदर करीब 43 गांव समाये हुए हैं. हालांकि, अब उन गांवों का कोई वजूद नहीं है. चांडिल डैम के नीचे एक रेलवे स्टेशन ‘दुलमी’ भी है. इस स्टेशन के लिए पटरी बिछायी गयी थी. वहीं, मंदिर भी है. मंदिर, मकान और रेलवे स्टेशन के ट्रैक के कारण भी रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सोलार नामक उपकरण से पानी का एक तरह का एक्सरे किया जा रहा है. इसमें रेल की पटरी दिख रही है. जानकार बताते हैं कि सोलार लोहा को पहचान लेता है, जिस कारण रेल की पटरियों को पहचान ले रहा है. इससे मुश्किलें हो रही हैं. वैसे पानी भी काफी गंदा है, जो परेशानी का बड़ा कारण है.

तैरकर निकलना मुश्किल है : अध्यक्ष-महामंत्री विस्थापित संघ

चांडिल स्वर्णरेखा बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति के अध्यक्ष सरदीप कुमार नायक और सचिव गाजू राम मांझी ने बताया कि विस्थापित गांव डैम में समा चुके हैं. वहां मंदिर भी है. वहां पूजा पाठ नहीं होता है. पहले भी यहां हवाई जहाज लेकर लोग ट्रेनिंग करने आते रहे हैं, लेकिन ऐसा हादसा पहली बार हुआ है. उन्होंने बताया कि डैम में काफी पानी है. इस कारण वहां से तैरकर निकलना मुश्किल है. पहले दिन से आज तक खोजबीन में हम सहयोग कर रहे है. अभी तक सफलता नहीं मिली है.

अचानक से जहाज उड़ा और सीधे अंदर चला गया : प्रत्यक्षदर्शी

चांडिल डैम के पास नहाने वाले रुसु मांझी इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं. उन्होंने ‘प्रभात खबर’ को घटना के बारे में बताया. मांझी ने कहा कि वे अपने बच्चे के साथ नहा रहे थे. इसी दौरान वह विमान आया और करीब दो राउंड मारने के बाद कुछ देर तक ऊपर मंडराता रहा और अचानक नीचे गिर गया.

इससे पानी का तेज बहाव आया और पानी में जोरदार हलचल हुई. हमने विमान को गिरते देखा, लेकिन किसी को कूदते हुए नहीं देखा. हमने देखा कि डैम में हवाई जहाज अंदर चला गया. बाद में जब नहाकर निकले, तो लोगों को बताया. इसके बाद शाम को प्रशासन ने उनसे पूछताछ की. उन्होंने बताया कि यह घटना हमारी आंखों के सामने हुई है.

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