जमशेदपुर : सोनारी थाना क्षेत्र के नवनिर्मित एयरपोर्ट गोलचक्कर का नामकरण शुक्रवार की शाम को क्रिश्चन बस्ती के लोगों ने जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर कर दिया. इसकी सूचना मिलने के बाद भाजपा व कुछ धार्मिक संगठन से जुड़े नेता वहां पहुंचे और विरोध करने लगे. इस पर जोरदार हंगामा शुरू हो गया. दोनों ओर से टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. प्रशासन को रैपिड एक्शन पुलिस (रैप) की टुकड़ी को बुलानी पड़ी. रैप ने दोनों ओर से जमे लोगों को हटाया.
सोनारी क्रिश्चन बस्ती के लोगों ने किया नामकरण
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की शाम करीब चार बजे सोनारी क्रिश्चन बस्ती से कुछ लोग हाथों में बोर्ड लेकर आये और नवनिर्मित गोलचक्कर का नामकरण जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर कर दिया. इस बोर्ड पर निवेदक के तौर पर पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू का नाम लिखा था, जो बगल में ही रहते हैं. इस दौरान लोगों ने वहां पर जमकर नारेबाजी की.
भाजपा नेताओं ने किया विरोध
सूचना पाकर भाजपा नेता राहुल तिवारी, सुखदेव सिंह, चिंटू सिंह समेत कई अन्य नेता घटनास्थल पर पहुंचे और इसका विरोध किया. उनका कहना था कि गोलचक्कर का नामकरण गलत तरीके से किया गया है. यह नियमों का उल्लंघन है. इस दौरान दोनों तरफ से नारेबाजी शुरू हो गयी. सूचना पाकर सोनारी थाना प्रभारी सरयू आनंद दल बल के साथ पहुंचे. नारेबाजी कर रहे दोनों पक्षों के लोगों को बातचीत कर शांत कराया. इसके बाद प्रशासन की ओर से वार्ता की गयी. भाजपा और धार्मिक संगठन से जुड़े नेताओं ने कहा कि वे इस शर्त पर लौट रहे हैं कि 24 घंटे में प्रशासन बोर्ड को हटाकर नये सिरे से कदम उठायेगा. अगर 24 घंटे में कोई कदम नहीं उठाया गया तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा.
बिरसा सेना के लोगों ने भी किया हंगामा
बिष्टुपुर मुख्य गोलचक्कर (तलवार बिल्डिंग के पास का) का नामकरण जयपाल सिंह मुंडा चौक कर दिया गया. आदिवासी संगठन बिरसा सेना के लोगों अचानक दोपहर करीब दो बजे दिनकर कच्छप के नेतृत्व में वहां पहुंचे और एक बोर्ड गाड़ दिया. इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई. इसकी जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन, बिष्टुपुर पुलिस और टाटा स्टील के सिक्योरिटी अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया. उनका कहना था कि जयपाल सिंह मुंडा का आज जन्मदिन है, इस कारण वे लोग चाहते हैं कि यहां के गोलचक्कर का नाम जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर हो, जो झारखंडी जनता के लिए आदर्श और आदिवासियों के बड़े नेता थे.
क्या कहना था बिरसा सेना के लोगों का
सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में लोगों ने मजिस्ट्रेट से बातचीत की. बिरसा सेना के लोगों का कहना था कहा कि सीएनटी एक्ट के तहत जमीन के मालिक यहां के आदिवासी हैं. यहां उनको कोई इजाजत नहीं लेना होगा. लेकिन प्रशानिक अधिकारियों ने उनको कहा कि वे लोग नियमों का अनुपालन करें. नियम का अनुपालन करते हुए गोलचक्कर का नामकरण करें. प्रशासन से इजाजत लें. लेकिन वे नहीं माने और नारेबाजी करने लगे. संगठन के लोगों ने चेतावनी दी है कि वे लोग अभी जा रहे हैं. लेकिन यह बोर्ड नहीं हटना चाहिए. अगर बोर्ड हटा तो फिर वे किसी भी हद तक जायेंगे. मूर्तियां लगा देंगे. इसके बाद वे लोग वापस लौट गये.