Jamshedpur News : एलबीएसएम में भारतीय शैक्षिक विकास में मातृभाषा के योगदान पर दो दिवसीय सेमिनार कल से
Jamshedpur News : करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में 4-5 जनवरी को भारतीय शैक्षिक विकास में मातृभाषा के योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होगा. इसका आयोजन संताली विभाग एलबीएसएम कॉलेज व ऑल संताल इंटैक्चुअल्स एसोसिएशन जमशेदपुर के द्वारा किया जा रहा है.
विभिन्न विश्वविद्यालय समेत नेपाल के शोधार्थी करेंगे शिरकत और प्रस्तुत करेंगे शोध आलेख
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करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में 4-5 जनवरी को भारतीय शैक्षिक विकास में मातृभाषा के योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होगा. इसका आयोजन संताली विभाग एलबीएसएम कॉलेज व ऑल संताल इंटैक्चुअल्स एसोसिएशन जमशेदपुर के द्वारा किया जा रहा है. यह सेमिनार शिक्षाविदों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाने के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि वे मातृभाषा में शिक्षा के महत्व और इसके विकास में योगदान पर चर्चा कर सकें. यह जानकारी शुक्रवार को करनडीह एलबीएसएम कॉलेज में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीएन प्रसाद ने दी.उन्होंने बताया कि सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री रामदास सोरेन एवं कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता के रूप में कुलपति हरी कुमार केशरी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा के मानविकी विभाग के संकाय अध्यक्ष डॉ तपन कुमार खांडरा, जनजातीय एवं क्षेत्रीय विभाग कोल्हान के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील मुर्मू, संबलपुर विश्वविद्यालय के डॉ नाकु हांसदा मौजूद रहेंगे. संवाददाता सम्मेलन में एलबीएसएम कॉलेज संताली विभागाध्यक्ष प्रो. बाबूराम सोरेन,असिस्टेंट प्रोफेसर संजीव मुर्मू, प्रो. लखाई बास्के, प्रो. रामो टुडू, सरस्वती टुडू, सुकरा हो, आनंद बेसरा, सालू मुर्मू व सुराई हेंब्रम आदि मौजूद थे.शोधार्थी व विशेषज्ञों के द्वारा प्रस्तुत किये जायेंगे शोध आलेख
सेमिनार में ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल के शोधार्थी तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक, बुद्धिजीवी एवं विशेषज्ञ भाग लेंगे तथा अपने शोध आलेख प्रस्तुत करेंगे. सेमिनार का उद्देश्य मातृभाषा में शिक्षा के महत्व को उजागर करना और इसके विकास में योगदान के लिए एक रोडमैप तैयार करना है.
सेमिनार में इन बिंदुओं पर होगा मंथन
-मातृभाषा में शिक्षा के फायदे और इसके बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन पर प्रभाव.-भारत में मातृभाषाओं की वर्तमान स्थिति, चुनौतियां और अवसर.
-मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियां और कार्यक्रम-आदिवासी समाज और भारतीय संविधान में निहित उनके अधिकार.-नई शिक्षा नीति 2020.-आदिवासी प्रशासन तथा विकास कार्यों में उनकी भागीदारी.
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