केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी आम हड़ताल की चौथी वर्षगांठ
Jamshedpur News :
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी आम हड़ताल की चौथी वर्षगांठ पर शहर के विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी महासंघों और किसान यूनियनों के बैनर तले मंगलवार को साकची गोलचक्कर पर विरोध प्रदर्शन किया गया. देशव्यापी जिला स्तरीय प्रदर्शन और लंबित मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम डीसी के माध्यम से कोल्हान के संयुक्त मंच की ओर से ज्ञापन सौंपा गया. शहर के विभिन्न ट्रेड यूनियनों, स्वतंत्र कर्मचारी महासंघों केंद्र सरकार की जनविरोधी और राष्ट्रविरोधी नीतियों को उजागर करने तथा वैकल्पिक नीति की मांग को लेकर साकची बिरसा चौक में नुक्कड़ सभा की. सभी वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों के अधिकारों को छीनने और किसानों को दिये गये आश्वासनों को नकारने के अपने एजेंडे को आक्रामक रूप दे रही है. सभी ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है.कार्यक्रम को राकेश्वर पांडेय, अंबुज कुमार, विश्वजीत देब, संजीव श्रीवास्तव, केके त्रिपाठी, परविंदर सिंह सोहल, मनोज कुमार सिंह, अंजनी कुमार, सुजय रॉय, हीरा अरकने, निगमानंद पाल, सत्येंद्र सिंह समेत कई ने संबोधित किया. क्या है प्रमुख मांगेचार मजदूर विरोधी लेबर कोड को निरस्त किया जाये, 26,000 रुपये का राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन और कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम 10,000 रुपये का पेंशन, सभी असंगठित श्रमिकों, ठेका कर्मचारियों, अनौपचारिक श्रमिकों की नौकरी की सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, कानूनी सुरक्षा, समान काम के लिए समान वेतन, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, सभी के लिए रोजगार, रिक्त पदों पर अविलंब नियुक्ति, शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम, आंगनबाड़ी और अन्य स्कीम वर्करों को कामगार का दर्जा देने, वैधानिक न्यूनतम मजदूरी तथा सामाजिक सुरक्षा के साथ सरकारी पदों पर बहाली की जाये, किसानों के लिए वैधानिक एमएसपी पर कृषि उत्पादों की खरीद, सभी फसलों के लिए सरकारी बीमा योजना, बीज, उर्वरक, बिजली पर पर्याप्त सब्सिडी, उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति, व्यापक ऋण माफी योजना, रोजगार सृजन, रिक्त पदों को भरना, मनरेगा को मजबूत करना, बिजली संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस करने, वन अधिनियम, काश्तकारी अधिनियम और भूमि संबंधी अधिनियमों का सख्ती से क्रियान्वयन करने, विनिवेश और एनएमपी के प्रयासों को समाप्त करना, पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क कम करने, मूल्य वृद्धि पर रोक, रांची में एचईसी लिमिटेड के पुनरुद्धार, घाटशिला में तांबा संयंत्र और खनन परिचालन को बहाल करने, आवासीय और कृषि क्षेत्रों में हाथियों से संबंधित समस्या का समाधान व मुआवजा सुनिश्चित करने की मांगें शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है