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जमशेदपुर में एनएच 33 में एलिवेटेड कॉरिडोर बनने में पर्दे के पीछे दिक्कत ही दिक्कत

एलिवेटेड कॉरिडोर समेत अन्य करीब एक हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का काम होना बाकी है.

मुख्य संवाददाता, जमशेदपुर

लोकसभा चुनाव से पूर्व बनी रूपरेखा, परिणाम निकलने के बाद एनएचएआइ मुख्यालय दिल्ली में जमशेदपुर पीआइयू को बंद कर रांची शिफ्ट किया गया

ये भी हुआ

– छह जून 2024 को जमशेदपुर कार्यालय को रांची कार्यालय में मर्जर करने का पत्र एनएचएआइ मुख्यालय से जारी हुआ

– अनन-फानन में अगले दिन सात जून 2024 को नये प्रोजेक्ट डायरेक्टर एकता कुमारी ने चार्ज भी ले लिया.

-11-12 जून को जमशेदपुर प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (परियोजना कार्यान्वयन इकाई) का सारा दस्तावेज, समान समेत अन्य को रांची शिफ्ट किया गया

 

ये काम बाकी है

1. पूर्वी सिंहभूम जिले में एनएच 33 के सटे देवघर पंचायत में प्रोजेक्ट के अधिकृत जमीन में अतिक्रमण हटाया जाना बाकी है. मुआवजा लेने के बाद 109 लोगों ने अब तक अधिग्रहित जमीन खाली नहीं की है. आदिवासी भूमि (45 से ज्यादा लोग की है जमीन) होने के कारण वर्तमान में गैर आदिवासी लोगों को भुगतान देने में तकनीकी दिक्कतें आ रही है.

2. पूर्वी सिंहभूम जिले में 2.1 हेक्टेयर जमीन और सरायकेला-खरसावां जिले में 4.6 हेक्टेयर वन विभाग की जमीन का एनओसी अब तक नहीं मिला है.

3. पारडीह कालीमंदिर के समीप सरायकेला-खरसावां जिले में 0.458 हेक्टेयर रैयती जमीन का अधिग्रहण व रैयतों को भुगतान लंबित है.

4. 10.02 किलो मीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर का काम के अलावा 30 छोटी-बड़ी पुल-पुलिया, 5 सर्विस लेन, चाईबासा फोर लेन समेत एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का काम मॉनिटरिंग व मेंटेनेंश वर्क बाकी है.

झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा की लाइफलाइन एनएच-33 (नया 18) जमशेदपुर में बनने वाले देश का पहला और सबसे लंबा 10.021 किलोमीटर एलिवेटेड कॉरिडोर बनने में अभी भी कई पेंच है. एलिवेटेड कॉरिडोर समेत करीब एक हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का काम होना बाकी है.

सूत्रों के मुताबिक देशभर में काम करने वाले एनएचआइ के अधीन कई पीआइयू ऐसे हैं, जिनके पास जमशेदपुर प्रोजेक्ट की तुलना में काम नहीं है, बावजूद यहां पीआइयू कार्यरत है, जबकि जमशेदपुर पीआइयू में एनएचएआइ का एक हजार करोड़ से ज्यादा का काम बचा है. उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक जमशेदपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग – 33 (नया-18) के जमशेदपुर खंड पर कालीमंदिर, डिमना चौक, बालीगुमा के 241.940 किमी से 251.961 किमी (लंबाई 10.021 किमी) तक लंबे 4 – लेन वाले एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए 936.26 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी. हालांकि परियोजना की एनएचएआइ अनुमानित लागत 690.05 करोड़ रुपये तय की थी. एजेंसी राजस्थान के एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग 610.11 करोड़ रुपये न्यूनतम बोली लगाकर टेंडर हासिल किया था. इपीसी मोड के तहत इसका निर्माण ढाई साल में पूरा करना है. जमशेदपुर के इस प्रोजेक्ट से शहर में बढ़ते यातायात को सुगम बनाने के साथ ट्रैफिक जाम से स्थायी मुक्ति दिलाना शामिल था.

2014 को खुला था जमशेदपुर पीआइयू

एनएच 33 स्थित चांडिल आसनबनी होटल हिल व्यू के समीप एनएचएआइ का कार्यालय 10 साल पूर्व वर्ष 2014 में जमशेदपुर पीआइयू खुला था. एनएचएआइ प्रशासन 45 हजार रुपये मासिक किराया देता था. हालांकि 2024 मार्च माह में उक्त कार्यालय को मानगो परमेश्वर कॉलोनी रोड नंबर में शिफ्ट किया था.

अब रांची कार्यालय से होगा कार्य व मॉनिटरिंग

नयी व्यवस्था के तहत रांची एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के अधीन रांची से लेकर बहरागोड़ा तक सेक्शन संभालना होगा. इसमें जमशेदपुर से बहरागोड़ा के करीब 100 किलोमीटर रुटीन काम करने, मॉनिटरिंग, मेंटेनेंस का काम, स्थानीय समस्या को सुनने व निदान के अलावा एलिवेटेड कॉरिडोर के नये प्रोजेक्ट को लेकर भी रांची कार्यालय आना- जाना पड़ेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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