जमशेदपुर में परसुडीह मंडी का क्षतिग्रस्त शौचालय व्यापारी को आवंटित, धालभूमगढ़ के बिजनेसमैन टॉयलेट तोड़ बना रहे दुकान
जमशेदपुर में परसुडीह मंडी का क्षतिग्रस्त शौचालय व्यापारी को आवंटित कर दिया गया है. धालभूमगढ़ के बिजनेसमैन टॉयलेट तोड़कर दुकान बना रहे हैं. कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव सतीश सिंकु ने कहा कि व्यापारी अपने खर्च से दुकान का निर्माण करायेगा.
जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में परसुडीह स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति प्रबंधन ने क्षतिग्रस्त शौचालय धालभूमगढ़ के एक व्यापारी को आवंटित कर दिया है. क्षतिग्रस्त शौचालय तोड़कर व्यापारी दुकान बना रहे हैं. परसुडीह की कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव सतीश सिंकु ने कहा कि इसके लिए पैसा बाजार समिति नहीं देगी. व्यापारी अपने पैसे से दुकान बनायेगा, लेकिन समिति उससे हर माह भाड़ा वसूलेगी.
अब शौचालय के लिए जाना होगा बाहर
अभी शौचालय को समतल करने का काम जारी है. उससे बड़ी बात यह है कि शौचालय परिसर में लगे पेड़ को भी काट दिया गया है. पेड़ किसके आदेश पर काटा गया है? यह जांच का विषय है. शौचालय किसके आदेश पर व्यापारी को आवंटित किया गया है, इसकी जांच की मांग उठने लगी है. इसे लेकर व्यापारियों भारी रोष है. व्यापारियों का कहना है कि समिति परिसर में शौचालय नहीं रहने से पहले से ही व्यापारी व वहां काम करनेवाले लोग परेशानी में थे. अब शौचालय के लिए बाहर जाना होगा.
चार सीटर शौचालय था
नाम नहीं छापने पर एक व्यापारी ने कहा कि यहां चार शीटर शौचालय था. हालांकि शौचालय भवन जर्जर था. पानी की व्यवस्था नहीं थी. फिर भी व्यापारी किसी तरह काम चला रहे थे. अगर समिति को उसे तोड़ना ही था, तो तोड़ कर नया शौचालय बनवा देती. मगर समिति ने ऐसा नहीं किया. दुकानदारों का यह भी कहना है कि व्यापारी को देने के पहले उन लोगों से बात तक नहीं की गयी. चोरी-छिपे शौचालय आवंटित किया गया है. इसलिए वे लोग इसका विरोध करेंगे.
परिसर में नहीं है नयी दुकान
मंडी में करीब पौने चार सौ दुकानें व गोदाम हैं. जिसे शहर के व्यापारियों ने ले रखा है. नयी दुकान नहीं बची है. अब कुछ लोग वहां येक-केन प्रकरेण दुकान लेने के प्रयास में हैं. इसलिए शौचालय व दूसरे जर्जर भवनों को अपने नाम एलॉट करा रहे हैं.
क्या बोले कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव
परसुडीह की कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव सतीश सिंकु ने कहा कि व्यापारी अपने खर्च से दुकान का निर्माण करायेगा. समिति हर माह उससे भाड़ा वसूलेगी. जगह बेकार पड़ा था, इसलिए धालभूमगढ़ के तेल व्यापारी गणेश अग्रवाल को वहां दुकान बनाने की अनुमति दी गयी है. शौचालय परिसर में पेड़ नहीं, झाड़ी को काटा गया है.