पोरान कृष्ण सोरेन का परिवार पुन: सरना धर्म में लौटे

बोड़ाम प्रखंड अंतर्गत के बेलडीह हरियाकोचा टोला के रहने वाले पोरान कृष्ण सोरेन (35) अपने समस्त परिवार के साथ पुन: सरना धर्म में लौट आये.

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2024 1:32 AM

पोरान कृष्ण सोरेन व उनके परिवार को पारंपरिक रीति-रिवाज से उम-नड़का कराया व उन्हें नये वस्त्र प्रदान किया

जमशेदपुर. बोड़ाम प्रखंड अंतर्गत के बेलडीह हरियाकोचा टोला के रहने वाले पोरान कृष्ण सोरेन (35) अपने समस्त परिवार के साथ पुन: सरना धर्म में लौट आये. सतरहखानी तोरोफ बोड़ाम परगना सोबोरधोन हांसदा की अगुवाई में उन्हें सरना धर्म में शामिल कराया गया. इससे पूर्व दिशोम नायके (दिसुआ पुजारी) फकीर सोरेन ने पोरान कृष्ण सोरेन व उनके परिवार को पारंपरिक रीति-रिवाज से उम-नड़का कराया व उन्हें नये वस्त्र प्रदान किया. उसके बाद पोरोन कृष्ण सोरेन के घर पर विशेष पूजा-अर्चना की गयी और सरना प्रतीक चिह्न के रूप में सार को उनके घर के बाहर गाड़ा गया.

फकीर सोरेन ने कहा कि आदिवासी संताल समाज पाेरान कृष्ण सोरेन के समस्त परिवार का स्वागत करता है. समाज उनके कुशल मंगल जीवन की कामना करता हैं. इस अवसर पर भारोत दिशोम संताल महल परगना-करण हांसदा, सुनील टुडू, रमेश बेसरा, लव किशोर हांसदा, श्रवण बेसरा, शेखर मुर्मू, तिलक टुडू, सोमाय माझी, सीताराम टुडू, लंबू किस्कू समेत काफी संख्या में ग्रामवासी शामिल हुए.

दादा व परदादा चले गये थे दूसरे धर्म में : पोरोन

पोरान कृष्ण सोरेन बताते हैं कि उनके दादा व परदादा के समय किन्हीं कारणों से दूसरे धर्म स्वीकार कर लिये थे, लेकिन उन्हें लगा कि उनकी मूल पहचान संताल व सरना से है, इसलिए उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों की सहमति से परगना व दिशोम नायके के समक्ष सरना धर्म में लौट आने की बात को रखा था.

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