गोलमुरी गोलचक्कर के पास प्रैक्टिस करने वाले इएनटी सर्जन डॉक्टर बी प्रधान का अपहरण करने की योजना अपराधियों ने गुगल पर नाम व डिटेल सर्च कर बनायी था. पकड़े गये अशोक कुमार सिंह और रविशंकर सिंह ममेरे व फुफेरे भाई हैं. दोनों बेगुसराय के रहने वाले है. दोनों ने देसी कट्टा व दो गोली दो हजार रुपये में बेगुसराय से ही खरीदी थी. दोनों के रिश्तेदार शहर में रहते है. यह जानकारी एसएसपी किशोर कौशल ने अपने कार्यालय में बुधवार को पत्रकारों को दी. एसएसपी ने बताया कि रवि शंकर सिंह डकैती और अशोक कुमार सिंह अवैध शराब बिक्री करने के मामले में जेल जा चुका है. डॉक्टर का अपहरण कर फिरौती वसूलने की योजना थी. गुगल से डॉक्टर की जानकारी जुटने के बाद उनके आने-जाने व क्लिनिक में बैठने का समय पता किया. इसके बाद पूरी तरह रेकी कर मंगलवार को डॉ. बी प्रधान का अपहरण करने दोनों गोलमुरी पहुंचे थे. मंगलवार की शाम सात बजे डाॅ. बी प्रधान गुलशन मेडिकल में आये थे. एक घंटा मरीजों को देखने के बाद रात 8 बजे हनुमान मंदिर के पास खड़ी कार के पास गये. लॉक खोलने के बाद जैसे ही वह कार में बैठने के लिए झुके एक युवक गर्दन पकड़कर जबरन उन्हें गाड़ी में बैठाने लगा. दूसरा दूसरी ओर से कार में बैठ गया. उसके हाथ में देसी कट्टा था. कट्टा देखकर डाॅक्टर ने शोर मचाया और समीप खड़े युवकों ने बदमाशों को पकड़ लिया.
पुलिस को करते रहे गुमराह
पकड़े गये अशोक कुमार सिंह और रविशंकर सिंह देर रात तक घर का पता कभी टेल्को तो कभी सोनारी बता रहे थे. हालांकि उनकी बात झूठी निकली. उन्होंने भतीजे का इलाज कराने की झूठी कहानी गढ़ी. हालांकि कड़ाई करने पर दोनों ने पूरी बात पुलिस को बता दी. उन्होंने बताया कि डॉक्टर की हत्या करने की कोई योजना नहीं थी. डॉक्टर से 10-15 लाख रुपये फिरौती लेने की योजना थी. कार में ही अगर दो- तीन लाख मिल जाते तो वे लोग डॉक्टर को वहीं छोड़ देते.
गुगल में डॉक्टर का नाम-पता सर्च करने की हिस्ट्री मिली
पुलिस ने दोनों के मोबाइल की जांच की तो गुगल पर डॉक्टर का नाम पता को सर्च करने की हिस्ट्री मिली. दोनों बेगूसराय से 27 दिसंबर को जमशेदपुर आये थे. ये लोग अपने रिश्तेदार और भाई के घर पर रुके थे. कई डॉक्टरों का नाम दोनों ने सर्च किया. इसके बाद टारगेट डा. बी प्रधान को बनाया. इस घटना के बाद बड़े डॉक्टर को उठाने की योजना थी.
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