जमशेदपुर : करनडीह में सेंगेल अभियान ने मनाया हासा-भाषा विजय दिवस
करनडीह चौक के समीप आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा हासा भाषा जीतकर माहा मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय सेंगेल संयोजक बिमो मुर्मू व संचालन पूर्वी सिंहभूम जिला सेंगेल परगना जूनियर मुर्मू ने संचालन किया.
करनडीह चौक के समीप आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा हासा भाषा जीतकर माहा मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय सेंगेल संयोजक बिमो मुर्मू व संचालन पूर्वी सिंहभूम जिला सेंगेल परगना जूनियर मुर्मू ने संचालन किया. हासा-भाषा जीतकर माहा में बतौर मुख्य अतिथि सेंगेल दिशोम परगना सोनाराम सोरेन व विशिष्ट अतिथि के रूप में कोल्हान जोन सेंगेल परगना कुनूराम बास्के, केंद्रीय संयोजक बिरसा मुर्मू, पूर्वी सिंहभूम सेंगेल सभापति सीताराम माझी व सेंगेल सरना धर्म महासचिव डॉ सोमाय सोरेन मौजूद थे. मुख्य अतिथि सोनाराम सोरेन ने कहा कि सरना धर्म कोड भारत के प्रकृति पूजक लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के अस्तित्व पहचान हिस्सेदारी का लाइफलाइन है. आदिवासियों को उनकी धार्मिक आजादी से वंचित करने के लिए कांग्रेस-बीजेपी दोषी हैं. 1951 की जनगणना तक यह प्रावधान था, जिसे बाद में कांग्रेस ने हटा दिया और अब भाजपा जबरन आदिवासियों को वनवासी बनाना चाहती है. कार्यक्रम में अर्जुन मुर्मू, भगीरथ मुर्मू, मनोज मुर्मू, सुबीर सोरेन, मनोज मुर्मू, सनत बास्के, मानी मुर्मू आदि शामिल थे.
30 को सांकेतिक भारत बंद
वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान अन्य संगठनों के सहयोग से 30 दिसंबर को सांकेतिक भारत बंद और रेल रोड चक्का जाम को बाध्य है. भारत बंद में सरना धर्म लिखाने वाले 50 लाख आदिवासी एवं अन्य सभी सरना धर्म संगठनों और समर्थकों को सेंगेल अपने-अपने गांव के पास एकजुट प्रदर्शन करने का आह्वान करता है. झारखंड विधानसभा में 11 नवंबर 2020 को धर्म कोड बिल पारित करने वाली सभी पार्टियों के कार्यकर्ताओं को भी इसमें सामने आना चाहिए.