जमशेदपुर के स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट में हुई जालसाजी की CBI जांच शुरू
ट्रस्ट में हुई इस वित्तीय गड़बड़ी के मामले में हाइकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गयी थी. न्यायालय ने सितंबर 2023 में तीनों याचिकाओं को एक साथ सुनने के बाद थाने में दर्ज करायी गयी दोनों ही प्राथमिकी की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था.
रांची : सीबीआइ ने जमशेदपुर के स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट में हुई जालसाजी के मामले में जांच शुरू कर दी है. हाइकोर्ट द्वारा सितंबर 2023 को दिये गये आदेश के आलोक में सीबीआइ ने बिष्टुपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 154/23 और 60/21 को दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआइ द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में उस व्यक्ति को भी अभियुक्त बनाया गया है, जिसने प्राथमिकी संख्या 154 दर्ज करायी थी. सीबीआइ द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट, सरोज दास, रंजीत चौधरी, नकुल चंद्र प्रमाणिक, कमल कांति दास, कम दास और प्रकाश चंद्र नंदी को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
उल्लेखनीय है कि प्रकाश चंद्र नंदी ने प्राथमिकी संख्या 154 दर्ज करायी थी. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि सरोज दास ने स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट के नाम पर एक समानांतर बैंक अकाउंट खोल कर केंद्र सरकार से मिले 42.17 लाख रुपये की गड़बड़ी की. तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी राजेश कुमार दास ने प्राथमिकी संख्या 60 दर्ज करायी थी. इसमें केंद्र से आदिम जनजातियों के हॉस्टल के लिए मिले 19.44 लाख रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. ट्रस्ट में हुई इस वित्तीय गड़बड़ी के मामले में हाइकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गयी थी. न्यायालय ने सितंबर 2023 में तीनों याचिकाओं को एक साथ सुनने के बाद थाने में दर्ज करायी गयी दोनों ही प्राथमिकी की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. न्यायालय के आदेश के आलोक में रांची सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है.
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