भारतीय फुटबॉल की नर्सरी ‘टाटा फुटबॉल एकेडमी’ (टीएफए) एक बार फिर अपने मानकों और उद्देश्यों को पूरा करते हुए भारत की नंबर वन एकेडमी बन गयी है. हाल ही में एक प्रतिष्ठित स्पोर्ट्स वेबसाइट ने भारत में एआइएफएफ (ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन) से मान्यता प्राप्त फुटबॉल एकेडमी का सर्वेक्षण किया था, इसमें टीएफए एक नंबर पर रही. पूरे भारत में कुल 400 फुटबॉल एकेडमी हैं, जिनको एआइएफएफ से मान्यता प्राप्त है. इनमें टीएफए एक नंबर है. पिछले वर्ष कोरोना के शुरू होने से पहले एआइएफएफ ने सभी फुटबॉल एकेडमियों को रेटिंग देने के लिए सर्वे किया था और फुटबॉल एकेडमी के मानकों की जांच की थी. इसमें टीएफए को फोर स्टार रेटिंग दी गयी थी.
एआइएफएफ ने रेटिंग के लिए टीएफए का पूरा सर्वेक्षण किया था. इसमें टाटा फुटबॉल एकेडमी का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे भारत में नंबर वन है. खुद की बिल्डिंग के साथ-साथ खिलाड़ियों के रहने, पढ़ने की व्यवस्था, प्रैक्टिस व मैच के लिए भी खुद का मैदान है. इसके अलावा टीएफए के पास वर्तमान में एशियन फुटबॉल कंडफेडरेशन से लाइंसेंस प्राप्त कोचों की संख्या 17 है.
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टाटा फुटबॉल एकेडमी की शुरुआत टाटा घराने ने 1987 में की थी. तब से लकर अबतक कुल 250 खिलाड़ी यहां से फुटबॉल की बारीकियां सीखकर ग्रेजुएट हो चुके हैं. इनमें से 150 खिलाड़ियों ने भारतीय फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व किया है, जो एक रिकॉर्ड है. इसके अलावा टीएफए ने भारत की प्रतिष्ठित टूर्नामेंट डूरंड कप सहित 40 से अधिक खिताब जीते हैं.
टीएफए में फुटबॉल सीखनेवाले जूनियर खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर भी दिया जाता है. इसके लिए टीएफए ने ला लिगा की चोटी की टीमों में से एक एटलेटिको डि मैड्रिड के साथ समझौता किया है. इस समझौते के तहत टीएफए के कैडेटों को एटलेटिको फुटबॉल एकेडिमयों का दौरा करने, वहां पर ट्रेनिंग हासिल करने व मैच खेलने को मिलता है. इसके अलावा वहां के प्रशिक्षित व वर्ल्ड क्लास कोच टीएफए आकर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते हैं. वर्तमान में स्पेशनिश कोच कार्लोस सेंटामरीना टीएफए यूथ के मुख्य कोच हैं.