जमशेदपुर : शनिवार का दिन पूर्वी सिंहभूम जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए ऐतिहासिक था. कारण था कि ऐसे शिक्षक जो 20-20 साल से डुमरिया और मुसाबनी जैसे ग्रामीण क्षेत्र में सेवा दे रहे थे, वे भी जमशेदपुर के शहरी क्षेत्र में अवस्थित स्कूलों में पदस्थापित हो गए. वह भी बगैर किसी पैरवी व पैसे के. इससे कई शिक्षक भावुक भी हो गए. शनिवार को जिला शिक्षा विभाग में जिस प्रकार पूरी पारदर्शिता के साथ शिक्षकों का अलग-अलग स्कूलों में पदस्थापन हुआ, वह अपने आप में पूरे राज्य में बेंच मार्क बना.
4000 से 6000 रुपये तक बढ़ा वेतन
शिक्षकों को अपनी वरीयता के अनुसार स्कूलों का चयन करने की पूरी आजादी थी. उन्होंने अपनी वरीयता के अनुसार जहां चाहा, वहां अपना पोस्टिंग स्वयं करवायी. इससे शिक्षक गदगद हैं. शिक्षकों के मासिक वेतन में 4000 से 6000 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई. एक शिक्षक अनुपस्थित रहे.
सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक हुई काउंसेलिंग
जमशेदपुर जिला शिक्षा विभाग में प्रमोशन के बाद होने वाली काउंसेलिंग के लिए सुबह 9 बजे से ही गहमा-गहमी होने लगी थी. सुबह 10 बजे से काउंसेलिंग शुरू हुई. इस दौरान जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडेय ने सभी शिक्षकों को काउंसेलिंग के नियमों से अवगत कराया. कहा कि किस स्कूल में किस विषय के कितने शिक्षकों के पद रिक्त हैं, उसकी एक सूची शिक्षकों को दे दी गयी. वरीयता में टॉप पर रहने वाले शिक्षकों को अपनी पसंद के अनुसार स्कूल का चयन करने की छूट होगी. जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में संचालित होने वाली इस प्रक्रिया को एलइडी के माध्यम से लाइव टेलीकास्ट किया जा रहा था.
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन नहीं पहुंचे
पूरे राज्य में पूर्वी सिंहभूम पहला जिला बना जहां शिक्षकों को ग्रेड 4 में प्रमोशन दी गयी. काउंसेलिंग की सूचना शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को दी गयी थी. उन्हें इस पूरी प्रक्रिया में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया गया था, हालांकि, किसी कारण से शिक्षा मंत्री इसमें शामिल नहीं हो सके.
2017 के बाद से लंबित था प्रमोशन
शिक्षकों को हर साल 31 दिसंबर की तिथि से प्रमोशन दे दी जानी है, लेकिन पूर्वी सिंहभूम में अंतिम बार 2017 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह ने 300 शिक्षकों को प्रमोशन दिया था. उसके बाद से यह लंबित था. नियुक्ति नियमावली 1993 के आधार पर ग्रेड 4 की प्रमोशन दी गयी. अपने प्रमोशन की मांग विभिन्न शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने कई बार की, लेकिन अंतत: 2025 में उन्हें विभिन्न प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रमोशन दिया गया. शिक्षकों का ग्रेड 7 में भी प्रमोशन लंबित है. हालांकि, यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसी वजह से ग्रेड 7 का प्रमोशन अभी नहीं दिया जा सका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
शिक्षा का बेहतर माहौल अगर तैयार करना है, तो शिक्षकों को खुश रखना होगा. शिक्षक अगर खुश रहेंगे तो जाहिर तौर पर वे स्कूल में बेहतर तरीके से ईमानदारी से पढ़ाएंगे. इसी को देखते हुए हमने काउंसलिंग का एक सार्थक प्रयास किया. हालांकि, अगर ऐसा हो पाया है तो इससे मुख्य सूत्रधार हैं उपायुक्त अनन्य मित्तल. उन्होंने पूरी आजादी दी थी, जिस वजह से यह कार्य हो सका.
आशीष कुमार पांडेय, जिला शिक्षा अधीक्षक
शानदार, जोरदार और जिंदाबाद. इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता है. शिक्षक अक्सर अपनी समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारी के पास जाते हैं, कई प्रकार की शिकायतें भी करते हैं. लेकिन, जिस प्रकार से शनिवार को शिक्षकों को प्रमोशन के बाद पोस्टिंग का फार्मूला अपनाया गया वह अपने आप में नायाब था. इसके लिए जिला शिक्षा अधीक्षक की जितनी तारीफ की जाए कम है.
अरुण कुमार सिंह, अध्यक्ष, झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ
जितना पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त काउंसेलिंग हुई, यह शानदार उदाहरण है कि अगर कोई प्रशासक चाहे तो राज्य में कुछ भी असंभव नहीं है. पूर्वी सिंहभूम जिले में सबसे पहला जिला बना जहां प्रोन्नति दी गयी. राज्य के अन्य 23 जिलों के लिए एक एक उदाहरण है कि अगर इच्छा शक्ति हो तो हर काम को किया जा सकता है.
-सुनील ठाकुर, शिक्षक नेता, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ