Jamshedpur : त्रिशूल महोत्सव : शोभायात्रा में छऊ व आदिवासी नृत्य ने मन मोहा
श्री भारत सेवाश्रम संघ जमशेदपुर शाखा के 75वें त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को देशभर के अलग-अलग आश्रमों के स्वामी महाराजों ने शिरकत की.
जमशेदपुर.
श्री भारत सेवाश्रम संघ जमशेदपुर शाखा के 75वें त्रिशूल महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को देशभर के अलग-अलग आश्रमों के स्वामी महाराजों ने शिरकत की. इसमें झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह शोभायात्रा के साथ हुआ. द्वारिका के स्वामी समानंदजी महाराज ने शोभायात्रा को रवाना किया, जो रंकिणी मंदिर, कदमा मार्केट, रामनगर होते हुए संघ परिसर आकर समाप्त हुई. शोभायात्रा में आश्रम द्वारा संचालित सभी विद्यालयों के अलावा ओडिया, राउरकेला, झाड़ग्राम, मयूरभंज, दुमका, पुरुलिया के छऊ नृत्य एवं आदिवासी कला संस्कृति की टीम ने अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. बीच-बीच में भक्तों के द्वारा शोभा यात्रा में सेवा प्रदान की गयी. सभी जगहों से घूमते हुए शोभायात्रा संघ के परिसर पहुंची, जहां सभी ने भोग प्रसाद का आनंद उठाया. शाम में चांडिल से आये बबलू महतो, विभूति महतो के नेतृत्व छऊ नृत्य कलाकारों द्वारा महिषासुरमर्दिनी नृत्य की प्रस्तुति दी गयी. दूसरे सत्र में आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के साथ विशिष्ट अतिथियों में भारत सेवाश्रम संघ कोलकाता के कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी पूर्णात्मानंदजी महाराज, टाटा स्टील अर्बन सर्विसेस के प्रमुख केशव कुमार रंजन, वक्ता अधिवक्ता ईश्वर चंद्र मार्डी व समाजसेवी सीआर मांझी शामिल रहे. अतिथियों ने अपना संबोधन रखा. वहीं, देर रात तक आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं छऊ नृत्य ने लोगों को बांधे रखा. स्वागत भाषण दुमका के स्वामी नित्याव्रतानंद महाराज ने किया. धन्यवाद ज्ञापन जमशेदपुर शाखा के स्वामी सोमेश्वरानंदजी महाराज उर्फ श्रीधर महाराज ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है