Jamshedpur : महिला पुरोहितों ने करायी शादी, कन्यादान की जगह समर्पण की रस्म निभायी
दो अलग-अलग जगह वैवाहिक अनुष्ठान को महिला पुरोहितों ने संपन्न कराया
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जमशेदपुर.
शहर के इतिहास में 14 फरवरी का दिन नारी सशक्तीकरण का मिसाल बना. वेलेंटाइन डे के एक दिन पहले गुरुवार की शाम और शुक्रवार को पुन: ऐसा आयोजन बदलते समाज की सोच का उदाहरण बना, जब पुरुषों का वर्चस्व तोड़ महिलाओं ने पौरोहित्य की बागडोर संभाली. दो अलग-अलग जगह वैवाहिक अनुष्ठान को महिला पुरोहितों ने संपन्न कराया. सोनारी मरीन ड्राइव में विवाह अनुष्ठान के द्वारा यह भी संदेश दिया गया कि बेटी कोई वस्तु नहीं है कि उसका कन्यादान किया जाये. इसलिए इस विवाह अनुष्ठान में कन्यादान की जगह समर्पण की रस्म निभायी गयी. सिंदूर दान के समय वर ने वधु का मांग भर कर सात जन्मों तक उसका साथ देने का वायदा किया, तो वधु ने अपनी अनामिका अंगुली से मांग में भरे गये सिंदूर को लेकर वर के ललाट पर लगाया और उसे स्वीकार किया.वर-वधु ने समान रूप से सभी विधि-विधान पूरे किये
गुरुवार की शाम में टाटा स्टील के रिटायर्ड कर्मी बासव चौधरी व रंगकर्मी रश्मि चौधरी के छोटे बेटे रिशव चौधरी के साथ श्वेता का विवाह सोनारी मरीन ड्राइव स्थित एक बैंक्वेट हॉल में संपन्न हुआ. यह विवाह अनुष्ठान कोलकाता के शुभमअस्तु ग्रुप की चार महिला पुरोहितों की टीम ने कराया. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विवाह अनुष्ठान को संपन्न कराया गया. बंगाली पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुईं इन महिला पुरोहितों के द्वारा बांग्ला एवं अंग्रेजी हर विधि के बारे में बताया गया. इस दौरान संस्कृत के श्लोक एवं रबींद्र संगीत की प्रस्तुति दी गयी. सभी विधि-विधान को वर-वधु ने समान रूप से पूरा किया. एक-एक विधि के बाद शादी के महत्व को बताया गया. दोनों को समान रूप से सभी नियम कराये गये. टीम की प्रमुख नंदिता ने बताया कि इस टीम की सदस्याएं अलग-अलग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में अनुभव प्राप्त किया है, ताकि समाज के लिए कुछ अलग काम कर सकें. साथ ही समाज की सोच बदलने के लिए वे आगे आयीं. उन्होंने बताया कि वैवाहिक अनुष्ठान को संपन्न कराने के लिए प्राप्त राशि को चैरिटी में दिया जाता है.101 जोड़ों की शादी करा चुकी हैं आचार्य डालिया भट्टाचार्य
नरेंद्र मोदी विचार मंच एवं सनातन सेवा परिषद द्वारा सोनारी भूतनाथ मंदिर में शुक्रवार को आयोजित सामूहिक विवाह अनुष्ठान में सगाई के विधि-विधान को आचार्य डालिया भट्टाचार्य एवं उनकी टीम की सदस्या आशा साहू और मृदुला सिंह द्वारा पूरा कराया गया. गायत्री परिवार की डालिया भट्टाचार्य 101 जोड़ों की शादी करवा चुकी हैं. वह वैवाहिक अनुष्ठान के साथ-साथ तर्पण अनुष्ठान कराती हैं. सोनारी वृंदावन सोसाइटी निवासी डालिया भट्टाचार्य ने वर्ष 2017 में गायत्री परिवार से दीक्षा ग्रहण की. दो साल की पढ़ाई एवं हरिद्वार से दो माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आचार्य बनीं. वर्ष 2019 में उन्होंने घाटशिला में 51 जोड़े, वर्ष 2020 में बिष्टुपुर राम मंदिर में 28 जोड़े, वर्ष 2023 में गालुडीह में 24 जोड़ों की शादी करा चुकी हैं. शुक्रवार को आठ जोड़ों की सगाई की रस्म पूरी करायी, जिनका 11 मार्च को विवाह भी करायेंगी. सामूहिक विवाह गायत्री परिवार की ओर से कराया जा रहा है.इनकी हुई सगाई
वर -विजय राम /वधु -लता मानिकपुरीवर -कृष्णा कुमार/ वधु -रितु कालिंदीवर – कृष्णा कुमार/वधु -राजनंदनी कुमारीवर -किसान मुण्डा/ वधु -पिंकी मुण्डा वर – विनोद सेठ / वधु -रुकमनी कुमारीवर — नीरज मुखी / वधु -मनसा मुखीवर -सावन मुखी / वधु -निकिता सेदरिया वर -राज मुखी /वधु -सानिया गोपडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है