Jharkhand News: बोकारो सिटी सेंटर के हर्षवर्धन प्लाजा स्थित गणपति ज्वेलर्स से रविवार (08 मई, 2022) को जमशेदपुर के बागबेड़ा रेलवे कॉलोनी का शातिर अपराधी विभाष पासवान अपने छह साथियों के साथ 20 लाख के गहने और 75 हजार रुपये की लूट की. पिस्तौल का डर दिखाकर घटना को अंजाम दिया गया. घटना के बाद विभाष समेत उसके पांच साथी फरार हो गये, जबकि दो साथी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार युवकों में मुजफ्फरपुर निवासी रितिक रोशन और हजारीबाग निवासी राजकुमार चौधरी शामिल है.
विभाष पासवान है गिरोह का सरगना
गिरफ्तार युवकों के पास से लोडेड पिस्तौल, तीन गोली और सोने की पांच झुमका बरामद किया गया. पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार अपराधियों ने गिरोह का सरगना विभाष को बताया. आरोपियों ने कहा कि गणपति ज्वेलर्स में घटना को अंजाम देने की योजना विभाष ने बनायी थी. लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद गहनों से भरा बैग विभाष लेकर फरार हो गया. इधर, पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया.
लूट की घटना में ये थे शामिल
घटना में विभाष पासवान के साथ रितिक रोशन, राजकुमार चौधरी, बिट्टू सोनार, संतोष विश्वकर्मा, महेंद्र चौधरी और विष्णु महतो शामिल था. विभाष, रितिक रोशन और फतुआ निवासी विष्णु महतो के साथ रविवार को बस से बिहारशरीफ से बोकारो आया था. इसके बाद तीनों बोकारो के सेक्टर-चार पहुंचे.
अपराधियों की मोड्स ऑपरेंडी
योजना के अनुसार, अन्य साथी हर्षवर्द्धन प्लाजा स्थित दुकान के बाहर बाइक लेकर तैयार था. दोपहर एक बजे अन्य साथियों के साथ लूट की घटना को अंजाम देने के लिए दुकान की तरफ गया. लेकिन, ग्राहकों की भीड़ के कारण कुछ देर के लिए लूटपाट की योजना को छोड़ दिया. इसके बाद सभी अपराधी दुकान में मौजूद ग्राहकों का हटने का इंतजार करने लगे. कुछ देर के बाद ग्राहक कम हुए, तो विभाष पासवान, रितिक रोशन और संतोष विश्वकर्मा के साथ दुकान में घुसा.
पिस्तौल की नाेंक पर अपराधियों ने की लूटपाट
दुकान में प्रवेश करते ही विभाष पिस्तौल दिखाकर दुकान के कर्मियों को कब्जे में लिया और 20 लाख का सोना लूट लिया. तीनों अपराधी जब दुकान से बाहर निकल कर भागने लगे, तो दुकान का कर्मचारी मनोज शोर मचाने लगा. इस कारण अपराधियों ने उसे निशाना बनाते हुए दो गोली चला दी. फिर सभी अपराधी बाइक से भाग निकले.
विभाष के भाई फिरंगी को मिल चुकी है फांसी की सजा
विभाष के भाई विपिन पासवान की वर्ष 2016 में सिंह होटल के पीछे हत्या कर दी गयी थी. वहीं, दूसरे भाई फिरंगी पासवान को कोर्ट ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनायी थी. लेकिन, बाद में उस सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था. विभाष के पिता महेंद्र पासवान टाटानगर रेलवे स्टेशन स्थित पोस्ट ऑफिस के रिटायर्ड कर्मी हैं.
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26 अप्रैल को जेल से छूटा है विभाष
विभाष पासवान 26 अप्रैल को जमानत पर बोकारो जेल से छूटा है. उसने बोकारो के अलावा जमशेदपुर, रामगढ़, हजारीबाग, बिहारशरीफ, नालंदा और गिरिडीह में कई लूट और डकैती की वारदात को अंजाम दिया. जमशेदपुर के सोनारी में पेट्रोल पंप में डकैती की घटना में भी विभाष शामिल था.
Posted By: Samir Ranjan.