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प्रभात खबर से बातचीत में बोली रेलवे बोर्ड की जया वर्मा सिन्हा- झारखंड की लड़कियों में असीम संभावनाएं

जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि वह हमेशा परिवार, मित्रों और जाननेवालों को लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करती हैं. रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन जमशेदपुर के सोनारी बाल विहार के पास स्थित साकेत कॉलोनी निवासी मेजर सीबी सिन्हा की बहू हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2023 7:38 AM

झारखंड, खासकर जमशेदपुर की महिलाओं और लड़कियों में पूरे देश के साथ चलने और आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं हैं. स्काइ इज नॉट द लिमिट, उसी तरह लड़कियों के लिए अवसर की कोई कमी नहीं है, बस सही दिशा में मेहनत करने, उनको मौका देने की जरूरत है. ये बातें रेलवे बोर्ड की पहली चेयरपर्सन जया वर्मा सिन्हा ने कही.

166 साल के इतिहास में पहली महिला चेयरपर्सन सह सीइओ का पद संभालने के बाद प्रभात खबर से विशेष बातचीत में श्रीमती सिन्हा ने कहा कि वह हमेशा परिवार, मित्रों और जाननेवालों को लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करती हैं. रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरमैन जमशेदपुर के सोनारी बाल विहार के पास स्थित साकेत कॉलोनी निवासी मेजर सीबी सिन्हा की बहू हैं. उनके पति नीरज सिन्हा जमशेदपुर के एएसपी रहे हैं, जो वर्तमान में बिहार कैडर में डीजी सिविल डिफेंस के पद पर हैं.

व्यवस्थित जमशेदपुर, दोसा, लिट्टी काफी मिस करती हूं :

श्रीमती सिन्हा ने कहा : ‘आइ मिस जमशेदपुर अ लॉट’. यहां की व्यवस्थित सड़कें, हरियाली और सोनारी से सटे नदी किनारे पर लगे पलाश के फूल मुझे बेहद पसंद हैं. जमशेदपुर के जायके भी बहुत मजेदार लगते हैं. चाहे लिट्टी-चोखा हो, जो मेरे पसंदीदा व्यंजनों में से है, या साउथ इंडियन दोसा और अन्य खाने-पीने की चीजें हों, सामिष हो या निरामिष. श्रीमती सिन्हा ने कहा कि जमशेदपुर, एक शहर मात्र न होकर पूरे देश का प्रतिबिंब है.

मैं देश के किसी भी हिस्से में रहूं, मुझे जमशेदपुर की बहुत याद आती है. काम की व्यस्तताओं के कारण आजकल जमशेदपुर ज्यादा आना नहीं हो पाता, लेकिन इस सुंदर, व्यवस्थित शहर में आना और परिजनों, मित्रों के साथ फुरसत के पल बिताना अच्छा लगता है. मौका मिलेगा तो जल्द ही जमशेदपुर आऊंगी. श्रीमती सिन्हा ने कहा : जमशेदपुर मेरे दिल में बसता है.

इस शहर के साथ मेरी ढेरों यादें जुड़ी हुई हैं. घर-परिवार, शादी-ब्याह, घूमना फिरना, आदि, चाहे वह मेजर साहब (ससुर) की कर्मस्थली, को-आपरेटिव कॉलेज के खुले मैदान से दलमा पहाड़ को निहारना हो, या जुबिली पार्क, डिमना डैम के मनोरम रास्तों में पैदल चलना या फिर बिष्टुपुर, साकची में शॉपिंग करना, जमशेदपुर आने पर अक्सर मुझे यह सब करना पसंद है.

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