Jhakhand News : जहां पहले से था 50 बेड का सीएचसी, वहां फिर बना दिया अस्पताल, जानिये कैसे हुआ सरकारी राशि का दुरुपयोग
धालभूमगढ़ के पावड़ा नरसिंहगढ़ में 110.12 लाख रुपये से नया अस्पताल बनाया गया है. हालांकि, वहां पहले से 50 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) संचालित है. इसके बाद भी वहां एक अौर अस्पताल बना दिया गया.
मनीष सिन्हा, जमशेदपुर : धालभूमगढ़ के पावड़ा नरसिंहगढ़ में 110.12 लाख रुपये से नया अस्पताल बनाया गया है. हालांकि, वहां पहले से 50 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) संचालित है. इसके बाद भी वहां एक अौर अस्पताल बना दिया गया. महालेखाकार (लेखा परीक्षा) कार्यालय के अॉडिट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में इसे सरकारी राशि के दुरुपयोग का मामला बताया गया है. महालेखाकार कार्यालय ने कल्याण विभाग व आइटीडीए की योजनाअों की 27 अगस्त से 14 सितंबर के बीच अॉडिट किया था. सूचना के अधिकार के तहत जानकारी आने के बाद इसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय से की गयी है.
महालेखाकार (लेखा परीक्षा) कार्यालय की अॉडिट रिपोर्ट में कई बिंदुअों पर आपत्ति जतायी गयी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्य स्थल परिवर्तित कर कार्य कराये जाने के क्रम में राज्य सभा सांसद द्वारा 27 जनवरी 2018 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निर्माण कार्य बंद कराने का अनुरोध किया गया था. क्योंकि धालभूमगढ़ प्रखंड के पावड़ा नरसिंहगढ़ में पूर्व से पांच करोड़ की लागत से 50 बेड के अस्पताल का निर्माण हो चुका था अौर पुन: उसके समीप अस्पताल का निर्माण किया जा रहा था.
इसके आलोक में मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा 13 मार्च 2018 को कार्रवाई के लिए मामले को विभाग को भेजा गया, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई अौर स्थल पर कार्य जारी रहा, जिसे महालेखाकार लेखा परीक्षा ने गंभीर मामला बताया था. साथ ही रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया था कि जूनियर इंजीनियर से बात में ज्ञात हुआ कि निर्माणाधीन अस्पताल से सटे अस्पताल पूर्व से संचालित था.
निकासी 16287.19 लाख रुपये की, रोकड़ बही में 15523.98 लाख रुपये की इंट्री : महालेखाकार (लेखा परीक्षा) द्वारा जिला कल्याण कार्यालय की अॉडिट रिपोर्ट में बताया गया था कि अभिलेख की जांच में पाया गया कि 2016 से जुलाई 2019 तक सही तरीके से लेखांकन किये बिना बहुत बड़ी राशि का लेनदेन किया गया. लेखा परीक्षा अवधि में कोषागार से विधायक निधि, छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण मद में 16287.19 लाख की निकासी की गयी. जबकि रोकड़ बही में मात्र 15523.98 लाख की इंट्री की गयी, यानी 763.21 लाख कम रोकड़ बही में इंट्री की गयी.
अॉडिट रिपोर्ट में इसे शासकीय निधि के दुर्विनियोजन होने की संभावना से इनकार नहीं किया गया था. विभागीय पदाधिकारियों के अनुसार प्राप्त आवंटन के आधार पर लाभुकों के खाते में राशि भेजी गयी अौर उसके आधार पर इंट्री हुई थी अौर मैपिंग के अभाव में जो राशि लौट गयी थी, उसकी इंट्री नहीं हो पायी थी. बाद में बैंक से रिपोर्ट मंगा कर अॉडिट की अापत्ति को दूर करते हुए अनुपालन रिपोर्ट भेज दी गयी है.
सीएचसी के समीप अस्पताल के निर्माण में सरकारी राशि का दुरुपयोग : महालेखाकार लेखा परीक्षा कार्यालय ने रिपोर्ट में कहा कि अस्पताल निर्माण कार्य का मुख्य उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना था, जबकि पावड़ा नरसिंहगढ़ स्थल से निकटतम दूरी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित था, जिसमें 50 बेड का अस्पताल का निर्माण हो चुका था. फिर उसके नजदीक अस्पताल का निर्माण कार्य कराया जाना गंभीर अनियमितता को दर्शाता है. निर्माणाधीन अस्पताल पर 110.12 लाख का व्यय कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है.
Post by : Pritish Sahay