Jharkhand Assembly Election: जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस की लड़ाई, मानगो में सड़क जाम बड़ा मुद्दा
Jharkhand Assembly Election: पूर्वी सिंहभूम जिले की जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस के बीच लड़ाई होती रही है. देखें पूरा रिपोर्ट कार्ड.
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Jharkhand Assembly Election|जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा में रस्साकशी जारी है. 1967 से 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पांच, कांग्रेस ने चार, सीपीआइ ने दो और जनता पार्टी व झामुमो ने एक-एक बार इस सीट पर जीत हासिल की है.
कांग्रेस के सी व्यास 1967 में बने जमशेदपुर पश्चिम के पहले विधायक
1967 में सबसे पहले इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सी व्यास ने जीत हासिल की थी, जबकि उसके बाद 1980 में मो शमशुद्दीन खान (कांग्रेस) और 2009 व 2019 में बन्ना गुप्ता ने इस सीट पर जीत हासिल की. यहा के विधायक बन्ना गुप्ता राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं.
2005 में विपक्ष में बिखराव का फायदा भाजपा को मिला, सरयू जीते
वर्ष 2005 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ विपक्ष ने जमशेदपुर की जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर अलग-अलग प्रत्याशी उतारा था. इसका लाभ भाजपा प्रत्याशी सरयू राय को मिला था और वह यहां से जीते थे. इसके बाद के चुनाव में विपक्ष एकजुट रहा. 2009 में बन्ना गुप्ता ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की.
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2014 में सरयू राय ने बन्ना गुप्ता से छीन ली जमशेदपुर पश्चिम सीट
हालांकि, 2014 में भाजपा प्रत्याशी सरयू राय ने यह सीट बन्ना गुप्ता से छीन ली थी. 2019 में तत्कालीन मंत्री सरयू राय को यहां से टिकट नहीं मिला, तो वह जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय चुनाव लड़े और चर्चित मुकाबले में मुख्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी रघुवर दास को हरा दिया था. जमशेदपुर पश्चिम का टिकट देवेंद्र सिंह को मिला. जिसे कांग्रेस प्रत्याशी बन्ना गुप्ता ने हराया था.
जमशेदपुर पश्चिम – 2009 विधानसभा चुनाव के परिणाम
उम्मीदवार का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
बन्ना गुप्ता | कांग्रेस | 55638 |
सरयू राय | भाजपा | 52341 |
जमशेदपुर पश्चिम – 2014 विधानसभा चुनाव के परिणाम
उम्मीदवार का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
सरयू राय | भाजपा | 95346 |
बन्ना गुप्ता | कांग्रेस | 84829 |
जमशेदपुर पश्चिम – 2019 विधानसभा चुनाव के परिणाम
उम्मीदवार का नाम | पार्टी का नाम | प्राप्त मत |
बन्ना गुप्ता | कांग्रेस | 96778 |
देवेंद्रनाथ सिंह | भाजपा | 74195 |
गरीब-गुरबों की आवाज बन क्षेत्र का विकास किया : बन्ना गुप्ता
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वह पांच साल नि:स्वार्थ क्षेत्र में विकास कार्य किया. गरीब-गुरबों की जरूरतों को ध्यान में रखा. मानगो का पुल शहर के परिवहन को सुगम बनायेगा. एमजीएम अस्पताल में जल्द आम लोगों के लिए सेवा शुरू हो जायेगी. कोरोना काल में मरीजों का इलाज कैसा हो रहा है, वह देखने खुद जाते थे. जमशेदपुर को एक बेहतर शहर बनाने के लिए वे दिन-रात कार्य कर रहे हैं. कई योजनाएं धरातल पर उतर गयी हैं. कई जल्द उतरेगी. भाजपाइयों का काम सिर्फ आरोप- लगाना है.
क्षेत्र का जितना विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ. सिर्फ छोटी-छोटी योजनाओं के शिलान्यास को यदि विकास कहा जाता है, तो फिर यह परिभाषा ठीक है. पांच साल पूरी ताकतवाली सरकार में कोई बड़ा काम नहीं हुआ.
आलोक कुमार, सोनारी
विकास का सब्जबाग दिखा रहे हैं बन्ना गुप्ता : देवेंद्र सिंह
2019 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे भाजपा नेता देवेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने जमशेदपुर पश्चिम की जनता को ठगने का काम किया है. बन्ना गुप्ता ने कदमा और आसपास बड़े प्लॉट व भूखंड को निजी हित में ले लिया. मुख्य सड़क को बंद कर दिया. इसे लेकर विवाद हो रहा है. एमजीएम अस्पताल में कोरोना के दौरान क्या स्थिति रही, यह किसी से छिपी हुई नहीं है. कोरोना काल में वह कहां थे, किसी ने नहीं देखा. मानगो पुल निर्माण को लेकर लगातार अपनी पीठ थपथपाने वाले बन्ना गुप्ता को शायद यह नहीं मालूम कि यदि योजना मुकम्मल होती है, तो मानगो के लोगों को इतनी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बन्ना गुप्ता ने अपने कार्यकाल में सिर्फ विवादों को जन्म दिया.
एक कार्यकाल में कोई भी जनप्रतिनिधि बड़ी योजनाओं को धरातल पर नहीं उतार सकता है. उन्हें कम से कम दो कार्यकाल जरूरी है. शहर के लिए मानगो का पुल बड़ा प्रोजेक्ट है. इसके पूरा होने से जाम से मुक्ति मिलेगी.
संतोष पांडेय, उलीडीह
एक्सपर्ट बोले – नागरिक सुविधाओं से वंचित हैं क्षेत्र के मतदाता
सोनारी के प्रेम कहते हैं कि पिछले पांच साल में स्थिति तो जस की तस ही लग रही है. हालात सिर्फ उन्हीं के बदले हुए दिख रहे हैं, जो सत्ता के करीब हैं. बाकी में परिवर्तन तो नहीं दिखा. कुछ शिलान्यास व उद्घाटन जरूर हुए हैं. विधि-व्यवस्था की स्थिति किसी से छिपी हुई नहीं है, जिस दिन पुलिस सबसे अधिक चौकन्नी रहती है, उसी दिन सोने-चांदी की दुकान लूट ली जाती है. नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. लोग नागरिक अधिकार से वंचित हैं. हालात ऐसे हैं कि सक्षम लोग प्रॉब्लम पैदा करते दिख रहे हैं. दोमुहानी में आज भी कचरा जल रहा है, देखनेवाला कोई नहीं है.
मानगो में कई समस्याएं हैं. आजादनगर में एक अस्पताल की मांग की जा रही थी, लेकिन नहीं बन पाया. डिमना चौक के आगे एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में बनाये जा रहे अस्पताल से आजादनगर वासियों कोई खास लाभ नहीं होगा.
एकराम खान, ओल्ड पुरुलिया रोड
जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा के मुद्दे : मानगो में नहीं बन पाया फ्लाई ओवर
मानगो के लोग एक दशक से रोड जाम का सामना कर रहे हैं. यहां के लोगों को टाउनशिप इलाके में कामकाज के लिए आने-जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. जाम में एंबुलेंस के फंसने के कारण मरीजों की जान बचानी मुश्किल हो जाती है. वहीं, एनएच-33 पर पारडीह से लेकर बालीगुमा तक एलिवेटेड पुल का प्रस्ताव तैयार हुआ है. कई बार डिजाइन में बदलाव हुआ. पर आजतक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. मानगो में फ्लाई ओवर का निर्माण काम शुरू हो चुका है. यह कब तक बन कर तैयार होगा, यह कहना मुश्किल है. इसके निर्माण को लेकर बन्ना गुप्ता-सरयू राय के बीच बयानबाजी चलती रहती है.
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का अभाव
इस विधानसभा क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा और उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है. अमूमन ढाई सौ करोड़ रुपये शिक्षा और तीन सौ करोड़ रुपये लोग दूसरे राज्यों में जाकर इलाज पर खर्च करते हैं. यहां सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का अभाव है. लोग सर्दी-खांसी तक का ही शहर में इलाज करा पाते हैं. गंभीर बीमारी की पुष्टि होते ही लोग कोलकाता, भुवनेश्वर व चेन्नई का रुख कर लेते हैं. इन दोनों मुद्दों का आज तक समाधान नहीं निकल पाया. जबकि क्षेत्र के विधायक राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं.
जमशदेपुर पश्चिमी विधानसभा के अब तक के विधायक
चुनाव का वर्ष | विधायक का नाम | पार्टी का नाम |
1967 | सी व्यास | कांग्रेस |
1969 | सुनील मुखर्जी | सीपीआइ |
1972 | रामअवतार सिंह | सीपीआइ |
1977 | मो अयूब खान | जनता पार्टी |
1980 | मो शमसुद्दीन खान | कांग्रेस |
1985 | मृगेंद्र प्रताप सिंह | भाजपा |
1990 | हसन रिजवी | झामुमो |
1995 | मृगेंद्र प्रताप सिंह | भाजपा |
2000 | मृगेंद्र प्रताप सिंह | भाजपा |
2005 | सरयू राय | भाजपा |
2009 | बन्ना गुप्ता | कांग्रेस |
2014 | सरयू राय | भाजपा |
2019 | बन्ना गुप्ता | कांग्रेस |
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