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72 की उम्र में झारखंड के इस एथलीट ने मनवाया लोहा, महाराष्ट्र में जीता चार पदक

सोनारी निवासी अवतार सिंह ने एक बार फिर साबित किया है कि उम्र का यह पड़ाव उनके लिए मात्र एक नंबर है. उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की चार स्पर्धाओं में न केवल हिस्सा लिया, बल्कि चारों में पदक जीते

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2022 10:59 AM

जमशेदपुर के वयोवृद्ध एथलीट अवतार सिंह (72) ने साबित किया है कि उम्र मात्र नंबर है. अपने बुलंद हौसले से वह युवाओं को मात दे रहे हैं. दरअसल, महाराष्ट्र के नासिक में द्वितीय राष्ट्रीय वेटरन स्पोर्ट्स एंड गेम्स चैंपियनशिप में अपने प्रदर्शन से एथलीट अवतार सिंह ने शानदार प्रदर्शन कर चार पदक अपने नाम किये.

इस प्रतियोगिता में अपने प्रदर्शन से सबको चौंकाने वाले सोनारी निवासी अवतार सिंह ने एक बार फिर साबित किया है कि उम्र का यह पड़ाव उनके लिए मात्र एक नंबर है. उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की चार स्पर्धाओं में न केवल हिस्सा लिया, बल्कि चारों में पदक जीते. जेवलिन थ्रो, साइकिलिंग के 60 किलोमीटर और 50 किलोमीटर में स्वर्ण और 30 किलोमीटर स्पर्धा का रजत पदक उन्हें मिला

वेटरन स्पोर्ट्स एंड गेम्स में जीते चार पदक

सोनारी निवासी अवतार सिंह ने चार स्पर्धाओं में न केवल हिस्सा लिया, बल्कि चारों में पदक जीते

जेवलिन थ्रो, साइकिलिंग के 60 किलोमीटर और 50 किलोमीटर में स्वर्ण और 30 किलोमीटर स्पर्धा का रजत पदक मिला.

वह रोजाना 20-25 मिनट करते हैं साइकिलिंग

साइकिलिंग से खुद को रखता हूं फिट : अवतार

पूर्व अंतरराष्ट्रीय साइकिलिस्ट अवतार सिंह ने बताया कि साइकिलिंग खुद को फिट रखने का सबसे बेहतर तरीका है. रोजाना 15 मिनट साइकिलिंग हमें कई तरह की बीमारियों से बचा सकती है. रक्तचाप, शुगर व मोटापा दूर रखने के लिए हर किसी को साइकिलिंग करनी चाहिए. एशियन गेम्स में भारतीय साइकिलिंग टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके 72 वर्षीय अवतार सिंह ने बताया कि वे रोजाना मरीन ड्राइव में 20-25 मिनट साइकिलिंग करते हैं.

अपने पुराने मित्र व भारतीय साइकिलिंग टीम के सदस्य रहे इंद्रजीत सिंह के साथ वह साइकिलिंग के लिए शहर से दूर लगभग 50-60 किलोमीटर तक सप्ताह में दो बार जरूर जाते हैं. उन्होंने बताया कि लोग कार से जिम में जाकर साइकिलिंग करते हैं.

शांति बारला ने जीते छह पदक

इस प्रतियोगिता में झारखंड की शांति बारला ने 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अलग-अलग इवेंट में छह (दो स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य) पदक अपने नाम किया. ज्योत्स्ना निशी रानी ने 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की बाधा दौड़ में स्वर्ण और रिले इवेंट में रजत पदक हासिल किया. 35 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की बाधा दौड़ व रिले में सीता रानी ने चार (दो स्वर्ण, दो कांस्य) पदक जीते. मेरी मुंजनी ने 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के ट्रिपल जंप, लॉन्ग जंप, भाला फेंक में स्वर्ण व मिक्स रिले में सिल्वर जीता.

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