Jharkhand: सरायकेला सदर अस्पताल में 30 लाख रुपये से बनेगा कोरोना जांच लैब
कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वाब सैंपल का आरटीपीसीआर जांच के लिए अब एमजीएम अस्पताल पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा. अब सरायकेला सदर अस्पताल में ही जांच संभव होगी. इसके लिए सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब का निर्माण कराया जा रहा है.
प्रताप मिश्रा, सरायकेला
Jamshedpur News: कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वाब सैंपल का आरटीपीसीआर जांच के लिए अब एमजीएम अस्पताल पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा. अब सरायकेला सदर अस्पताल में ही जांच संभव होगी. इसके लिए सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब का निर्माण कराया जा रहा है. संभवत अगस्त के आंतिम सप्ताह तक ही यह शुरू हो जायेगा.
30 लाख रुपये होंगे खर्च
सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब बनाने पर लगभग 30 लाख रुपये खर्च करने की योजना है. इसकी निविदा प्रक्रिया पूरी हो गयी है, जल्द ही इस पर कार्य शुरू होगा. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि आरटीपीसीआर लैब के बन जाने से कोरोना की जांच सदर अस्पताल में हो सकेगी.
पहले ट्रुनेट व रैट से होती था जांच
कोरोना की शुरुआत के समय जहां रैट व ट्रुनेट जांच की भी व्यवस्था नहीं थी. पर धीरे-धीरे ट्रुनेट व रेट से जांच की व्यवस्था हुई. अब तक अधिकतर सैंपल रेट या ट्रुनेट से ही किये जाते रहे हैं. आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल एमजीएम जमशेदपुर भेजा जाता था. अब अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब शुरू होने से यहीं पर ही जांच संभव हो जायेगा.
आरपीटीपीआर जांच के लिए लगती थी लंबी लाइन
कोरोना काल में आरटीपीसीआर जांच के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. चूंकि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट को ही सही माना जाता है. एयरपोर्ट से लेकर सभी संवेदनशील जगहों पर आरटीपीसीआर रिपोर्ट ही मान्य था. पूरे कोल्हान प्रमंडल में एक मात्र एमजीएम अस्पताल में आरटीपीआर लैंब व्यवस्था रहने के कारण सैंपल वहां भेजा जाता था, जिस कारण चार पांच दिनों का समय लगता था.
क्या कहते हैं अधिकारी
कोरोना की आरटीपीसीआर जांच सदर अस्पताल में जल्द शुरू किया जाना है. संभवत: इसी माह अगस्त के अंतिम सप्ताह तक यह शुरू हो जायेगा.
-विजय कुमार, सिविल सर्जन, जिला सरायकेला खरसावां