जमशेदपुर : बारीडीह से पिस्तौल के साथ गिरफ्तार फर्जी डीएसपी राज कुमार व उसके सहयोगी मो. मुस्तकीम ने गिरोह के साथ मंगलवार की रात जुस्को के बड़े ठेकेदार के गोदाम में डकैती डालने की योजना बनायी थी. सिदगोड़ा थाना में डीएसपी (हेड क्वार्टर वन) वीरेन्द्र राम व थाना प्रभारी रंजीत कुमार ने बुधवार को फर्जी डीएसपी राजकुमार व उसके सहयोगी मुस्तकीम की गिरफ्तारी के साथ डकैती की योजना का खुलासा करते हुए बताया कि राजकुमार शातिर और जालसाज है.
उसके पास से कई सरकारी कार्यालय की मुहर मिली है. साकची थाना प्रभारी, एसबीआइ मैनेजर, नोटरी, योजना अधीक्षक भारत सरकार, एमजीएम अस्पताल का सीनियर काउंसेलर, जिला शिक्षा पदाधिकारी का स्टांप उसके पास से मिला है. अलग-अलग स्थान पर खुद को पदाधिकारी बताकर वह ठगी को अंजाम देता था. केंद्र सरकार के लेबर व ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट से जुड़े ओडिशा व छत्तीसगढ़ के प्रोजेक्ट अधीक्षक का फर्जी आईकार्ड भी उसके पास से बरामद किया गया है. फरार अपराधियों की तलाश की जा रही है.
खुद को रांची विजिलेंस का डीएसपी राजवीर बताता था राज कुमार. गिरफ्तार राज कुमार खुद को रांची विजिलेंस का डीएसपी राजवीर बताता था. वह हवाई यात्रा करता था ताकि लोगों पर प्रभाव जताया जा सके. राज कुमार ठेकेदार के गोदाम में डकैती करने व जमीन की खुदाई कर 800 करोड़ के गहने व रुपये की लालच में मजदूर और टेंपो लेकर मंगलवार की रात बारीडीह पहुंचा था. मजदूरों से गड्ढा कराकर जेवर व रुपये निकालने और टेंपो व स्काॅर्पियो से ले जाने की योजना थी.
राज कुमार व मुस्तकीम से गोदाम में 800 करोड़ रुपये व जेवर होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस गोदाम पहुंची. मजदूरों से रात के अंधेरे में गोदाम के जमीन की खुदाई करायी गयी. हालांकि घंटों चली खुदाई के बाद भी नतीजा सिफर रहा. छापेमारी टीम में सिदगोड़ा थाना प्रभारी रंजीत कुमार, एसआई विकास कुमार, नितेश कुमार ठाकुर, संजीत कुमार, राजेश कुमार यादव, अनुपमा सोरेंग, एएसआई गजेन्द्र भगत, आरक्षी अनुज कुमार पासवान, हरेन्द्र राम, हवलदार मनोज कुमार सिंह व धर्मेंद्र सिंह शामिल थे.