PHOTOS: इस बार दुर्गा पूजा में दिखेगा विशाल वटवृक्ष का पंडाल, लटकती जड़ों पर नजर आयेंगे चिंपैंजी
जमशेदपुर शहर के प्रमुख पूजा पंडालों में इस बार बाहरी भव्यता के साथ-साथ आंतरिक साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया गया है. पंडाल तैयार करने वाले कारीगरों की टीम में शामिल सदस्य आंतरिक सजावट को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं.
जमशेदपुर शहर के प्रमुख पंडालों में से एक रानीकुदर कदमा स्थित सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी हिंद क्लब के पंडाल में प्रतिमा के पीछे जर्मन स्टोन व कांच का इस्तेमाल कर बेहतरीन कलाकृति उकेरी गयी है. खासकर मां के गहने व अन्य जगहों में भी इसी सामग्री से विशेष सजावट अपने तरह का नया प्रयोग है.
पंडाल में काफी भीड़ होती है, इस कारण पूजा देखने के लिए आने वाले आभूषण, मोबाइल फोन, छोटे बच्चे, महिलाओं की सुरक्षा का खुद से ध्यान रखना होगा, हालांकि सुविधा के लिए पूजा पंडाल के समीप सीसीटीवी, वोलेंटियर, पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल, दंडाधिकारी तैनात होंगे. कोंटई पश्चिमी बंगाल से आये कारीगर लाल मोहन माइती ऋने बताया कि दुर्गा प्रतिमा के पीछे चाला व देवी के गहने की सजावट जर्मन स्टोन और कांच मिलकर की गयी है.नीले रंग के पकड़े के पंडाल के ऊपर सजावट के लिए गोल्डन कलर की प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तेमाल किया है.
काशीडीह स्थित ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब के पंडाल में इस बार विशाल वटवृक्ष को मां के रूप में दिखाया गया है. पेड़ कटने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचने से वटवृक्ष चिंतित है. पंडाल में प्रवेश करते ही वटवृक्ष की लटकी जड़ों पर लटकते-खेलते चिंपैंजी नजर आयेंगे. नीचे एक तरह जंगल का दृश्य देखेगा. जहां-तहां, बारहसिंघा, हिरण, चीता, चिंपैंजी जैसे पशु नजर आयेंगे. दूसरी तरफ बर्फ से ढका ठंडा प्रदेश दिखाया जायेगा. जहां पेंगुइन आदि दिखेंगे. पंडाल निर्माण से जुड़े प्रियांशु सिंह ने बताया कि यह दृश्य दिखाता है कि धरती पर मनुष्य सहित सभी जीवों को रहने का अधिकार है. पंडाल में प्रवेश करते ही सबसे पहले शिव जी की प्रतिमा पर नजर जायेगी. जो द्योतक है कि शिवजी से ही सृष्टि है. वृक्ष की लटकती जड़ में ही जहां-तहां मन्नत की घंटी लटकती भी नजर आयेगी.
काशीडीह दुर्गा पूजा मैदान में मेला. जिसमें विभिन्न झूला, मनिहारी चीजों, घरेलू सामान और खिलौने की दुकान रहेगी. हरेक माल की दुकान भी रहेगी. इसके अलावा खान-पान की दुकान भी रहेगी. सप्तमी को केवल कमेटी के सदस्यों के लिए 1000 लोगों के लिए व्यवस्था की गयी है, अष्टमी और नवमी को आमलोगों के लिए व्यवस्था की गयी है. दोनों दिन डीएसएम स्कूल में पंद्रह-पंद्रह हजार लोगों के लिए व्यवस्था रहेगी.
साकची की तरफ से आने वालों के लिए काशीडीह हाईस्कूल में, बर्मामाइंस व जुगसलाई की ओर से आने वालों के लिए होटल सागर के आसपास, सीतारामडेरा व गोलमुरी की ओर से आने वालों के लिए डीएसएम स्कूल परिसर में, बाराद्वारी की तरफ से आने वालों के लिए सत्संग मैदान में पार्किंग की व्यवस्था है. दो और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है.
मुख्य कारीगर कोलकाता के दीपक ने बताया कि इंटीरियर डिजाइन में प्राचीन मंदिर का रूप दिखाया गया है. दीवारों पर प्राचीन कलाकृति उकेरी गयी है. जिसे इस तरह से रंगा गया है कि तांबे के समान नजर आता है. दीवारों पर प्राचीन मंदिर की तरह मशाल नजर आयेगी. काई और कजली भी नजर आयेगी. उन्होंने बताया कि लाइट के इफेक्ट से यह सचमुच का प्राचीन मंदिर नजर आयेगा.
जमशेदपुर में भव्य पूजा पंडाल लगभग बन चुकी है. इसके लिए कारीगर अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं.
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