Jharkhand: प्रशासन ने कहा- 75% स्थानीय युवाओं को दें नौकरी, कंपनियां बोलीं- पहले स्थानीयता प्रमाण पत्र बनायें
कंपनियों को राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति के प्रावधान को लागू करने के बारे में बताया गया. नियोक्ताओं ने कहा कि स्थानीयता प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही समस्याओं और देरी के कारण नियुक्ति प्रभावित हो रही है.
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में प्रशासन ने कंपनियों से कहा कि रिक्त पदों पर 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार दें. इस पर कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से कहा कि पहले स्थानीयता प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया तेज करें. ये बातें जमशेदपुर स्थित समाहरणालय सभागार में शनिवार हुईं, जब नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
स्थानीयता प्रमाण पत्र की वजह से नियुक्ति में हो रही देरी
कंपनियों को इस दौरान राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति के प्रावधान को लागू करने के बारे में बताया गया. नियोक्ताओं ने कहा कि स्थानीयता प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही समस्याओं और देरी के कारण नियुक्ति प्रभावित हो रही है. अंचल अधिकारी को इस प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया जाये.
200 प्रतिनिधि कार्यशाला में हुए शामिल
नियोक्ताओं ने इसके लिए अलग से पोर्टल बनाने का सुझाव भी दिया. साथ ही कहा गया कि नियमों का अनुपालन नहीं करने पर दंड के प्रावधान को खत्म किया जाये. कार्यशाला की अध्यक्षता डीआरडीए निदेशक सौरभ सिन्हा ने की. कार्यशाला में करीब 200 प्रतिनिधि शामिल हुए.
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पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से दी गयी जानकारी
कार्यशाला में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिये नियमावली से संबंधित जानकारी दी गयी. नियमावली के क्रियान्वयन एवं प्रगति पर चर्चा की गयी. डीआरडीए निदेशक ने कहा कि अधिनियम के तहत नियोजक की परिभाषा में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों, दुकानों को नियोजनालय में निबंधित होना अनिवार्य है. सभी नियोजकों को स्थानीय उम्मीदवारों से रिक्तियों को भरना होगा.
सरकार उपलब्ध करायेगी मानव बल
उन्होंने कहा कि अगर आपके द्वारा बताया जाता है कि उच्च कौशल युक्त मानव बल की आवश्यकता है, तो उसके अनुरूप सरकार द्वारा स्थानीय बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित कर मानव बल उपलब्ध कराया जायेगा. अधिनियम के दायरे में आने वाले नियोजकों को पंजीकरण कराने का भी निर्देश दिया गया, जिससे इस अधिनियम का अनुपालन कराया जा सके एवं इसका लाभ स्थानीय बेरोजगार युवाओं को मिल सके.
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कार्यशाला में ये लोग भी थे शामिल
कार्यशाला में नियोजन पदाधिकारी बम बैजू, अजय कुमार, प्रियंका भारती, श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर, श्रम अधीक्षक अरविंद कुमार सहित नियोजन कार्यालय के कर्मी एवं जिले के टाटा ग्रुप के विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि, चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि एवं अन्य प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
नियोक्ताओं को दी गयी ये जानकारियां
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पूरे राज्य में 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाले व्यक्ति अथवा सरकार से अधिसूचित संस्था पर यह लागू है. इसमें केंद्र या राज्य सरकार के उपक्रम शामिल नहीं होंगे. केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के उपक्रमों में बाह्यस्रोत से सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं पर प्रावधान लागू होंगे.
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झारखंड रोजगार पोर्टल पर निबंधन स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2022 की अधिसूचना के 30 दिनों के अंदर करना होगा. 40,000 हजार तक कुल वेतन पाने वाले प्रत्येक कर्मचारी का भी तीन महीनों के अंदर संबंधित पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य रूप से करना है. साथ ही, स्थानीय उम्मीदवारों को भी पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य है.
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प्रत्येक नयी परियोजना प्रारंभ करने वाले नये नियोक्ता को 30 दिन पहले कर्मचारियों की संख्या को आवश्यक योग्यता एवं जरूरत संबंधी विवरण को प्रस्तुत करना होगा.
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पहले से स्थापित प्रतिष्ठान में मानव बल की कमी होने पर न्यूनतम 75 प्रतिशत स्थानीय नियोजन के मानदंड को पूरा करने के लिए कार्य योजना प्राधिकृत पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी. इन नियमों के प्रारंभ की तिथि से 3 वर्षों की समय सीमा के साथ होगी. धारा से छूट का दावा करने के लिए नियोक्ता को प्रमाणित करना होगा कि उन्हें संबंधित कौशल वाले स्थानीय उम्मीदवार की पर्याप्त संख्या में नहीं मिल रहे. इसके लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तर पर एक जांच समिति गठित होगी.
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रिक्तियों एवं नियोजन के बारे में तीन माह पर प्रतिवेदन प्रत्येक नियोक्ता द्वारा प्रस्तुत की जाने की व्यवस्था की गयी है.
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किसी आदेश से असंतुष्ट कोई नियोक्ता निर्धारित प्रपत्र में 60 दिनों के अंदर अपीलीय प्राधिकार निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण झारखंड सरकार के यहां अपील कर सकता है. अपीलीय प्राधिकार द्वारा अपीलकर्ता को सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद 60 दिनों के भीतर अपील का निपटारा किया जायेगा.
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यदि नियोक्ता द्वारा किसी आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में दंड का भी प्रावधान किया गया है.
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नियम के अनुपालन की जांच के लिए प्रधान सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग झारखंड सरकार की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति का भी प्रावधान है.