जमशेदपुर में लोगों की समस्या सुनते ही भड़के मंत्री बन्ना गुप्ता, जानें विधायक सरयू राय के बारे में क्या कहा
जमशेदपुर के सोनारी मरीन ड्राइव कचरा डंपिंग की समस्या सुनते ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भड़क गये. लोगों ने समस्याएं बतायीं, तो नाराज मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि विधायक सरयू राय से कहें कचरा फेंकना बंद कराएं.
Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर स्थित सोनारी मरीन ड्राइव कचरा डंपिंग स्थल के पास स्थानीय अपार्टमेंट वासियों एवं बस्तियों के लोगों ने समस्या के समाधान को लेकर बैठक की. बैठक में अभी लोग जुटने ही शुरू हुए थे कि स्थानीय विधायक सह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पहुंच गये. मंत्री के अचानक वहां पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया. उनके समक्ष इस गंभीर समस्या के समाधान की मांग की. बातचीत के क्रम में मंत्री ने पूछ लिया कि कुछ काम शुरू हुआ है कि नहीं. इस पर मुकुल मिश्रा ने कहा कि फर्क इतना है कि कचरा को उठाकर और पीछे की ओर धकेला जा रहा है. दूसरे रास्ते से कचरा लाने वाली गाड़ियों को अंदर ले जाया जा रहा है. इसके बाद मंत्री थोड़ा नाराज हो गये. मंत्री को लोगों ने बताया कि 15 साल से यहां कचरा फेंका जा रहा है, लेकिन मंत्री ने कहा कि दो साल से. इस बात को लेकर सभी बोलने लगे. स्थानीय व्यक्ति मुंडा ने जब कहा कि पहले तो कचरा गिराया जा रहा है, अब उसमें आग भी लगा दी जा रही है, इस पर मंत्री उस पर भड़क गये और उसे बैठने को कहा.
बार-बार विधायक सरयू राय का नाम ले रहे थे मंत्री बन्ना गुप्ता
अपार्टमेंट के लोगों के साथ बातचीत के क्रम में मंत्री बन्ना गुप्ता बार-बार विधायक सरयू राय का नाम जरूर ले रहे थे और मुकुल मिश्रा की ओर इशारा कर रहे थे कि इन्हें कहिये कि विधायक सरयू को मना करेंगे कि पूर्वी और मानगो का कचरा यहां गिराना बंद करें. इस पर मुकुल मिश्रा ने कहा कि मानगो विधानसभा क्षेत्र खुद मंत्री का है, तो फिर उसमें सरयू राय का क्या हस्तक्षेप. इसके बाद मंत्री ने यह भी कहा कि उनके द्वारा किये जा रहे कार्य से यदि संतुष्ट नहीं हैं, तो वे काम बंद करा देते हैं. जो लोग यहां कचरा फेंकते हैं, सभी मिलकर उन्हें रोके, ताकि यहां कचरा गिराना बंद हो.
सोनारी कचरा डंपिंग स्थल को छह माह में पार्क बनाएंगे
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मरीन ड्राइव कचरा डंपिंग स्थल बड़ी समस्या बन गयी है. इसका समाधान वे पांच-छह माह में निश्चित करेंगे, बशर्ते कि यहां के लोग उन्हें सहयोग दें. सोनारी कचरा डंपिंग स्थल को छह माह में पार्क बनायेंगे. प्रत्येक 15 दिनों में वे रिव्यू मीटिंग करेंगे. लोगों की राय के मुताबिक काम करेंगे. उन्हें उम्मीद है कि नजारा जल्द बदलने लगेगा. मंत्री बन्ना ने कहा कि कुछ लोग साजिश के तहत इस मुद्दे को जबरन तुल दे रहे हैं. मंत्री की बातों से स्थानीय लोग कुछ संतुष्ट भी दिखे.
सरयू राय के प्रतिनिधि को देखकर बार-बार भड़क रहे थे मंत्री बन्ना गुप्ता
विधायक सरयू राय के प्रतिनिधि मुकुल मिश्रा ने जब-जब अपनी बात रखने की कोशिश, तो बार-बार मंत्री भड़क जा रहे थे. बन्ना ने इतना तक कह दिया कि उन पर भरोसा रखे. स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो 15 दिन बाद फिर यहीं बैठेंगे. भीड़ और बैनर लेकर नहीं मत आयें. सभी लोग आयें, लेकिन एक सिस्टम की तरह. सभी का काम होगा. मंत्री के जाने के बाद लोग यह कह रहे थे कि चुनाव के दौरान जब प्रत्याशी झंडा-बैनर लेकर उनकी गलियों-अपार्टमेंट में घूमते हैं, तो क्या उनसे पूछकर आते हैं, जो उनका प्रदर्शन अब उन्हें खराब लगने लगा.
कचरा डंपिंग की समस्या बहुत पुरानी : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मैं सरकार का मंत्री हूं. प्रत्येक नागरिक को बेहतर परिवेश देना मेरी जिम्मेदारी है. कचरा डंपिंग की समस्या एक दिन की नहीं है. बीमारी पुरानी है, इसलिए उसका इलाज भी तरीके के साथ किया जायेगा, ताकि फिर इसका जख्म नहीं दिखे. अपार्टमेंट के लोगों को उनकी बातें समझ आ गयी हैं, अब वे किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे.
लोगों ने क्या कहा
स्थानीय नवल तिवारी ने कहा कि कचरा डंपिंग हर दिन हो रहा है. शाम छह बजे के बाद धुआं से अपार्टमेंट में दम घुटने लग जाता है. बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं. जहर लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है. वहीं, मधु सिंह ने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है. पहले भी दिया था. अब कह रहे हैं कि हर 15 दिन में रिव्यू बैठक करेंगे. एक बार देख लेते हैं, नहीं तो हम आर-पार के मूड में आ चुके हैं. विभा सिंह ने कहा कि समस्या का समाधान जड़ से करना होगा. अभी कचरा हटाने का काम नहीं, बल्कि उसे उलट-पलट कर पीछे की ओर धकेला जा रहा है. इससे समस्या का समाधान नहीं होनेवाला है.
मंत्री को करनी चाहिए जमीनी बात
मुकुल मिश्रा ने कहा कि मंत्री बन्ना को अब जमीनी बात करनी चाहिए. बातें बनाना उनका काम है. समस्या का समाधान यदि वे अब नहीं कर पाये, तो फिर कब और कैसे कर पायेंगे. अभी उनके पास ताकत है, मंत्री हैं सरकार उनके साथ है. प्रशासन थोड़ी ही देर के लिए सही उनकी बात को सुनता तो जरूर है. वहीं, संजय राय ने कहा कि मंत्री ने कचरा निष्पादन के लिए पहल की है, इसका स्वागत है. समस्या के जड़ से खात्मा की जिम्मेदारी भी लेनी होगी. लोग यहां घुट-घुट कर जीने को मजबूर हो गये हैं.
हालात नहीं बदले, तो फिर से देंगे धरना
अकांक्ष विद्यार्थी ने कहा कि कचरा डंपिंग के काम पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए. मंत्री ने आश्वासन दिया है कि पांच माह में पार्क बना देंगे. उनके पास पावर है, यदि सही इस्तेमाल करें तो कुछ भी संभव है. उत्तम कुमार ने कहा कि मंत्री के मुताबिक हर 15 दिनों में रिव्यू करेंगे. देखते हैं अगले 15 दिन में क्या स्थिति बदलती है. हालात नहीं बदले, तो हम फिर से धरने पर बैठने को मजबूर होंगे.
तीन महीने से समस्या के समाधान की मांग
शीतल खुल्लर ने कहा कि तीन माह से इस समस्या के समाधान की मांग स्थानीय अपार्टमेंट वासियों द्वारा की जा रही है. जब कोई समाधान नहीं निकला, तो समस्या स्थल पर ही बैठने का फैसला किया. सुमन कुमार ने कहा कि समस्या का समाधन तभी होगा, जब कचरा डंपिंग पूरी तरह से बंद होगी. ऐसा यदि नहीं हुआ तो कुछ दिनों के बाद हालात और बदतर हो जायेंगे. वहीं, बीके पंडित ने कहा कि कचरा में लगी आग को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, यह भले ही किसी का घर नहीं जला रही है, लेकिन घर के लोगों को मीठा जहर देखकर भविष्य में मौत तक पहुंचा रही है.