Jharkhand News : JMM के बाद झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने टाटा प्रबंधन के खिलाफ क्यों खोला मोर्चा
टाटा कमिन्स और टाटा मोटर्स का मुख्यालय पुणे (महाराष्ट्र) करने पर मजदूरों का हक और अधिकार छीन जायेगा. खासकर यहां किसी मजदूर को उनके हक और अधिकार संबंधी कोई शिकायत या समस्या होगी, तब उसका निपटारा के लिए महाराष्ट्र के कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ेगा.
Jharkhand News, जमशेदपुर (कुमार आनंद) : झारखंड मुक्ति मोर्चा के बाद अब कांग्रेस विधायक व झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी टाटा प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला. श्री गुप्ता ने टाटा कमिन्स और टाटा मोटर्स का मुख्यालय जमशेदपुर से पुणे (महाराष्ट्र) करने को मुद्दा बनाते हुए विरोध करने की घोषणा रविवार को स्थानीय सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की. हालांकि मंत्री बन्ना गुप्ता ने कंपनी प्रबंधन को फैसले पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध किया.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आरोप लगाया कि वर्तमान समय में टाटा कंपनी के कुछ वरीय पदाधिकारी संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा के सपने को तोड़ते हुए केवल व्यापार करने की सोच रखकर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया की सरकार ने कंपनी को महज 2 रुपये प्रति एकड़ की दर पर 2205.98 एकड़ जमीन शिड्यूल 3 में लीज पर दिया है, लेकिन कंपनी उसका भी व्यवसायीकरण कर रही है. निक्को पार्क, जू खोलकर और होर्डिंग लगाकर व्यवसाय करने के बड़े उदाहरण हैं. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कंपनी लगातार नागरिक सुविधाओं की कटौती करते हुए केवल व्यापार करने में लगी है. इसी कड़ी में जुबली पार्क को भी कंपनी ने मनमाने तरीके से बंद किया था. जनहित में उन्हें खुलवाने का काम करना पड़ा था. उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने सोनारी में करीब 20 एकड़ जंगल झाड़ी श्रेणी की जमीन का नेचर बदलने का भी काम किया है. इस बाबत पत्र लिखकर पूरी जानकारी मांगी गयी है.
उन्होंने बताया कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि अब टाटा कमिन्स और टाटा मोटर्स का मुख्यालय पुणे (महाराष्ट्र) लेकर जाने की तैयारी में है. यदि ऐसा होता है तो वह पूरी तरह से ना केवल गलत होगा, बल्कि ऐसा होने से यहां के मजदूरों का हक और अधिकार छीन जायेगा. खासकर यहां किसी मजदूर को उनके हक और अधिकार संबंधी कोई शिकायत या समस्या होगी, तब उसका निपटारा के लिए यहां के मजदूरों को महाराष्ट्र के कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ेगा. मंत्री ने इसके लिए जालियांवाला बाग कांड का उदाहरण देते हुए बताया कि घटना भारत में हुई थी लेकिन जर्नल डायर मामले की सुनवाई लंदन में हुई थी. कुल मिलाकर जमशेदपुर की कंपनी का मुख्यालय पुणे महाराष्ट्र करना पूरी तरह से मनमाना फैसला है.
एक सवाल के जवाब में मंत्री श्री गुप्ता ने बताया कि झामुमो की ओर से 17 नवंबर के आंदोलन का पूरा समर्थन करेंगे. उन्होंने बताया कि आज शहर के कई इलाकों में गंदगी और कचरे का अंबार लगा हुआ है. मरीन ड्राइव इलाके में काफी मात्रा में गंदगी फैली हुई है. यदि कंपनी प्रबंधन इस पर ध्यान देखकर जल्द सही तरीके से साफ सफाई शुरू नहीं करवाती है तो वह जुस्को कार्यालय व उनके अधिकारियों के घरों पर कचरा फेंककर सदन तक विरोध दर्ज करने को लेकर आंदोलन करेंगे. कंपनी के फैसले के विरुद्ध व्यक्तिगत विरोध या कांग्रेस पार्टी का विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि एमडी व वरीय पदाधिकारियों के समक्ष उन्होंने कई जनमुद्दों को रखा था, लेकिन कंपनी पदाधिकारियों ने उन पर ध्यान नहीं दिया. इस कारण उन्होंने मजबूरन संघर्ष और आंदोलन का रास्ता चुनने का फैसला किया. उन्होंने शहर में कंपनी प्रबंधन से सीएसआर के नाम पर किए जाने वाले खर्च के ब्यौरे की मांग जमशेदपुर डीसी से की है.
स्वास्थ्य मंत्री ने जमशेदपुर शहर को औद्योगिक नगर बनाने का विरोध करने की भी घोषणा की. उन्होंने आशंका जताते हुए बताया कि जमशेदपुर को यदि औद्योगिक नगर बनाया जाता है तब जमशेदपुरवासियों को तीसरा मताधिकार छीन जाएगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जमशेदपुर नगर निगम बनाने के मामले में कंपनी प्रबंधन ने सर्वोच्च न्यायालय को भी गुमराह करने का काम कर अवरोध पैदा करने का काम किया है. उन्होंने बताया कि कंपनी शहर के अंदर जन सुविधा देने के नाम पर पांच फ़ीसदी राशि शुल्क कैसे वसूल रही है जबकि कंपनी क्षेत्र में मकान फ्लैट समेत अन्य परिसंपत्ति की रजिस्ट्री नहीं होने से सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री के अलावा वरीय कांग्रेसी कमल किशोर अग्रवाल, कांग्रेस पार्टी के कोलहान प्रवक्ता जम्मी भास्कर, संजय ठाकुर,मनोज झा, माजिद अख्तर आदि मौजूद थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra