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Jharkhand News: अनहेल्दी फूड की वजह से बच्चों में बढ़ रहा मोटापा, 45 प्रतिशत बच्चे अंडरवेट: सर्वे

सर्वे में चार साल से अधिक उम्र के करीब 45 प्रतिशत बच्चे जहां अंडरवेट पाये गये हैं, वहीं स्कूल जाने वाले 79 प्रतिशत बच्चे एनीमिया के शिकार हैं. इससे बच्चों के आंखों की क्षमता, उनकी याददाश्त बुरी तरह से प्रभावित हो रही है

By Sameer Oraon | August 30, 2022 1:20 PM

जमशेदपुर: नौनिहालों का बचपन मोटापे का शिकार हो रहा है. भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के सर्वे के मुताबिक बच्चों को हाई प्रोटीन डाइट न मिलने के कारण वे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं.

सर्वे में चार साल से अधिक उम्र के करीब 45 प्रतिशत बच्चे जहां अंडरवेट पाये गये हैं, वहीं स्कूल जाने वाले 79 प्रतिशत बच्चे एनीमिया के शिकार हैं. इससे बच्चों के आंखों की क्षमता, उनकी याददाश्त बुरी तरह से प्रभावित हो रही है. इसे रोकने के लिए शहर के प्राइवेट स्कूलों में समय-समय पर बच्चों के खान-पान की आदत में सुधार के प्रति जहां जागरूक किया जा रहा है, वहीं बच्चों के टिफिन की रैंडम जांच भी की जा रही है.

जुस्को स्कूल साउथ पार्क में इस्तेमाल होती है स्टील की टिफिन बॉक्स

जुस्को स्कूल साउथ पार्क में स्कूली बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा ये व्यवस्था की गयी है कि स्कूल में बच्चे प्लास्टिक की टिफिन बॉक्स लाने के बजाय वे स्टील के टिफिन बॉक्स को लेकर आयेंगे. प्लास्टिक की बोतल के बजाय स्टील को बोतल में बच्चों को पानी लाने को कहा गया है. कोविड 19 से पूर्व यह निर्देश दिया गया था. जिसका पालन स्कूल में हो रहा है.

लोयोला-कॉन्वेंट में होती है टिफिन की रैंडम जांच. लोयोला व सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल में बच्चों की फूड हैबिट में सुधार के लिए समय-समय पर अभिभावकों को जागरूक किया जाता है, कि वे किसी भी हाल में बच्चों को जंक फूड नहीं दें. टिफिन की रैंडम जांच भी की जाती है, ताकि उनमें ये डर बना रहे कि वे जंक फूड नहीं लेकर जाएं.

अगर किसी दिन कोई छात्र जंक फूड या बैन फूड लेकर आता है तो उस वक्त छात्र के साथ शिक्षक अपनी टिफिन शेयर कर लेते हैं लेकिन उनके अभिभावक से शिकायत जरूर की जाती है. केएसएमएस-गुलमोहर में सप्ताह भर का होता है डायट चार्ट. केरला समाजम मॉडल स्कूल व गुलमोहर हाईस्कूल में स्कूल प्रबंधन सभी क्लास के बच्चों के लिए अलग से डायट चार्ट जारी किया है. अलग-अलग दिन अलग-अलग टिफिन लेकर बच्चों को स्कूल जाना होता है. इसमें सिर्फ हेल्दी फूड शामिल है.

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